वाघेला बोले- गुजरात में मेरी सरकार आए तो शराबबंदी हटा दूंगा, यह काम सबसे पहले होगा
अहमदाबाद। गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकरसिंह वाघेला ने कहा है कि शराबबंदी लोगों के लिए ठीक नहीं है। यदि राज्य में मेरी सरकार आती है, तो सबसे पहले इसे हटाउंगा। वाघेला बोले- 'गुजरात की साढ़े 6 करोड़ जनता में से 4 करोड़ लोग यही चाहते हैं कि ये ढोंगी नीति बदलनी चाहिए। मैं आया तो शराबबंदी जरूर हटाई जाएगी।'
शराबबंदी हटा दूंगा: शंकरसिंह वाघेला
शंकरसिंह
वाघेला
वर्तमान
में
राकांपा
के
नेता
हैं।
उन
पर
गुजरात
में
राकांपा
के
प्रदेशाध्यक्ष
की
जिम्मेदारी
है।
वह
शराबियों
के
समर्थन
में
पहले
भी
खुलकर
बोलते
रहे
हैं।
बुधवार
को
उन्होंने
कहा
कि,
गुजरात
में
बरसों
से
लागू
शराबबंदी
को
मैं
हटा
दूंगा।
इसके
लिए
100
दिनों
में
कानून
बना
दिया
जाएगा।
इससे
होगा
यह
कि
लोगों
को
शराब
पीने
के
लिए
दीव-दमन,
आबू,
गोवा,
मुम्बई
या
राजस्थान
जाने
की
जरूरत
नहीं
होगी।
वाघेला
ने
इससे
पहले
राज्य
सरकार
को
शराबबंदी
पर
पुनर्विचार
करने
की
सलाह
दी
थी।
वाघेला
ने
कहा
था-
''शराब
बैन
पर
सरकार
सोचे,
लोग
घटिया
शराब
पीने
को
मजबूर
हैं।
इससे
जान
जा
रही
हैं,
और
सरकार
भी
अपना
हजारों
करोड़
का
राजस्व
गंवा
रही
है।
बेहतर
यही
होगा
कि,
यह
ढोंग
छोड़कर
शराब
बिक्री
की
व्यवहारिक
नीति
बनाई
जाए।'
हजारों करोड़ का राजस्व का घाटा हो रहा
वाघेला ने लॉकडाउन के दौरान राज्य में कई जगहों पर शराब तस्करी एवं अवैध शराब बिक्री की घटनाओं पर बोलते हुए सीधे मुख्यमंत्री विजय रूपाणी सरकार को निशाने पर लिया। कहा कि सरकार को अब शराबबंदी का ढोंग बंद कर देना चाहिए। सरकार को इससे हजारों करोड़ रुपयों का राजस्व का घाटा हो रहा है और लोग अंडर द टेबल शराबबंदी के नाम पर मोटी रकम कमा रहे हैं।'
युवा घटिया-देशी शराब पीकर मर रहे
वाघेला ने आरोप लगाया कि, गुजरात में बड़ी संख्या में बुटलेगर व शराब की अवैध हेराफेरी करने वालों का गिरोह काम कर रहा है, जो असामाजिक तत्वों का एक गठजोड़ है। वाघेला बोले- 'यह चिंताजनक है कि हमारे युवा घटिया-देशी शराब पीकर मर रहे हैं।'
वाघेला बोले- शराबबंदी पर सोचे रूपाणी सरकार, लोग घटिया पैग पीकर मर रहे हैं, राजस्व भी नहीं आ रहा