‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ अब कोई भी देख सकेगा, कोरोना-काल में पर्यटकों की संख्या पर लगी बंदिशें हटीं
केवडिया। गुजरात में केवड़िया स्थित दुनिया की इस सबसे बड़ी प्रतिमा 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' को अब कोई भी देख सकेगा। यहां कोरोना-काल में पर्यटकों की संख्या पर लगी बंदिशें हटा ली गई हैं। अब तक यहां व्यूइंग गैलरी की 7 हजार टिकट रोज जारी की जा रही थीं। किंतु अब इस तरह की गाइडलाइन नहीं होगी। सरदार पटेल ट्रस्ट के मुताबिक, सरदार वल्लभभाई पटेल की इस प्रतिमा को देखने के लिए लगभग 15-20 हजार लोग रोज पहुंच रहे हैं। इसी माह रेलें शुरू होने से अब यह संख्या प्रतिदिन एक लाख तक पहुंचने की उम्मीद है।
अभी ऑनलाइन चल रही टिकटों की बुकिंग
टिकटों की बुकिंग फिलहाल ऑनलाइन चल रही है। उम्मीद जताई जा रही है कि अब ऑफलाइन-टिकट विंडो की सहूलियत भी दी जा सकती हैं। बता दिया जाए कि, कोरोना महामारी फैलने की वजह से स्टैच्यू ऑफ यूनिटी लगभग 8 महीने बंद रही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 31 अक्टूबर को यहां 17 परियोजनाओं का लोकार्पण किया था। जिसके बाद 1 नवंबर 2020 से यह फिर पर्यटकों के लिए फिर से खोल दी गई। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी इन दिनों पर्यटकों के लिए खुली हुई है। यहां सरदार पटेल ट्रस्ट द्वारा पर्यटन से जुड़ी व्यवस्थाएं की गई हैं। साथ ही यहां के होटल और टेंट सिटी ऑपरेटर्स ने भी तैयारियां कर रखी हैं। इसकी देखरेख से लेकर पर्यटकों के लिए व्यवस्थाएं करने की जिम्मेवारी सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय एकता ट्रस्ट की है।
टिकट के लिए कितने खर्च करने पड़ेंगे?
सरदार
वल्लभभाई
पटेल
राष्ट्रीय
एकता
ट्रस्ट
के
एक
अधिकारी
ने
कहा
कि,
इस
प्रतिमा
को
देखने
के
लिए
टिकट
बुकिंग
ऑनलाइन
की
जा
सकती
हैं।
उन्होंने
कहा
कि,
स्टैच्यू
ऑफ
यूनिटी
सोमवार
के
दिन
बंद
रहा
करेगी।
प्रतिमा
खुलने
का
समय
सुबह
9
बजे
और
बंद
होने
का
शाम
5
बजे
रखा
गया
है।
लोग
https://statueofunity.in/
की
वेबसाइट
http://sardarpatelstatue.in/book-now-2/
पर
जाकर
टिकट
प्राप्त
कर
सकते
हैं।https://www.soutickets.in/
से
भी
टिकट
ले
सकते
हैं।
इस
प्रतिमा
को
देखने
के
लिए
वयस्कों
को
टिकट
के
लिए
120+30
(बस
किराया)
और
3
साल
से
15
साल
तक
के
बच्चों
को
60
+
30
(बस
किराया)
रुपए
खर्च
करने
पड़ेंगे।
इस
प्रतिमा
के
टिकट
के
कीमत
में
ही
फूलों
की
घाटी
भी
घूमी
जा
सकेगी।
CM बोले- यह एकीकरण का पर्याय बनेगी
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का कहना है कि, देश के विभिन्न राज्यों से स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को जोड़ती 8 ट्रेनों की शुरुआत पर्यटन के लिहाज से गुजरात के लिए मील का पत्थर साबित होगी। ये नई ट्रेनें चलने पर स्टैच्यू ऑफ यूनिटी अब वाकई देश के एकीकरण का पर्याय बनेगा। भारतीय रेलवे ने देश को 'एक' करने में अहम भूमिका निभाई है और आज देश के अलग-अलग हिस्सों से केवड़िया में शुरू की गई ट्रेनें इस बात को फिर से साबित करती हैं। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब ट्रेनों की शुरूआत कराई, तो मुख्यमंत्री ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, अब केवड़िया स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी सच्चे अर्थ में देश के एकीकरण का पर्याय बनेगा।
यहां 100 से ज्यादा तरह के फूल
पटेल की प्रतिमा से कुछ ही दूर 100 से ज्यादा तरह फूल देखे जा सकते हैं। इसके अलावा मेमोरियल, म्यूजियम, ऑडियो विजुअल गैलरी, एसओयू साइट और सरदार सरोवर डैम आदि सभी निहारने के लिए वयस्कों को 350+30 (बस शुल्क), और 3 से 15 वर्ष की आयु के बच्चों को 200+30 (बस शुल्क) रुपए खर्च करने पड़ेंगे। 3 साल से कम उम्र के बच्चों का कोई टिकट नहीं लगेगा।
ये हैं 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' की खासियतें
- यह प्रतिमा दुनिया में सबसे उूंची है, जिसकी उूंचाई 597 फीट है। यह प्रतिमा 6.5 तीव्रता के भूकंप के झटके और 220 किमी की स्पीड के तूफान का भी सामना कर सकती है।
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- सरदार पटेल की इस प्रतिमा के निर्माण में 85% तांबे का उपयोग किया गया था। जिसकी वजह से सैकड़ों साल तक इमसें जंग नहीं लग सकती। 2000 टन कांसे का भी उपयोग हुआ है।
12KM इलाके में बनाए गए तालाब से घिरी
- इसे बनवाने में 2.10 लाख क्यूबिक मीटर कन्क्रीट लगा था। 6 हजार 500 टन स्ट्रक्चरल स्टील और 18 हजार 500 टन सरियों का इस्तेमाल किया गया। इतना ही नहीं, यह 12 किमी इलाके में बनाए गए तालाब से घिरी है।
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गैलरी में एक साथ 200 लोग खड़े रह सकते हैं
- इस प्रतिमा की गैलरी में खड़े होकर एक बार में 40 लोग सरदार सरोवर डैम, विंध्य पर्वत के दर्शन कर सकते हैं। इसके भीतर जो दो हाई-स्पीड लिफ्ट लगाई गई हैं, वे पर्यटकों को सरदार पटेल की मूर्ति के सीने के हिस्से में बनी व्यूइंग गैलरी तक ले जाती हैं। इस गैलरी में एक साथ 200 लोग खड़े रह सकते हैं।
33 महीनों में तैयार की गई
- स्टैच्यू ऑफ यूनिटी 33 महीनों में तैयार की गई, जो एक रिकॉर्ड है। जबकि, चीन के स्प्रिंग टेंपल में बुद्ध की प्रतिमा के निर्माण में 11 साल लगे थे। इस प्रतिमा ने बुद्ध की प्रतिमा का रिकॉर्ड भी ब्रेक कर दिया। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की डिजाइन में इस बात का भी खास ध्यान रखा गया कि सरदार पटेल के हावभाव उसमें हू-ब-हू नजर आएं। इसके लिए पटेल की 2000 से ज्यादा फोटो पर रिसर्च की गई।
लागत 2989 करोड़ रुपए आई
- सरदार पटेल ट्रस्ट की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, इस प्रतिमा की लागत 2989 करोड़ रुपए आई थी। इस मूर्ति में 2.10 लाख क्यूबिक मीटर सीमेंट-कन्क्रीट इस्तेमाल किया गया। इसके अलावा इसके लिए देशभर से लोहा मंगवाया गया था। किसानों ने भी धातु दी थीं।