130 मीटर के पार पहुंचा गुजरात के सबसे बड़े बांध का जलस्तर, ऐसा दिख रहा है अब सरदार सरोवर डैम
अहमदाबाद। गुजरात में हो रही लगातार बारिश के चलते अब तक लगभग 200 बांध पानी से भर चुके हैं। जिनमें सबसे बड़े बांध नर्मदा डैम यानी सरदार सरोवर डैम का जलस्तर भी काफी उूंचाई तक पहुंच गया है। संवाददाता ने बताया कि, जलस्तर अब 130 मीटर के पार पहुंच चुका है। जिसके चलते एक महीने से बंद 1200 मेगावॉट बिजली क्षमता वाले रिवर बेड पॉवर हाउस की पांच यूनिट भी शुरू कर दी गई हैं। एमपी के ओमकारेश्वर डैम से फिर 30 हजार क्यूसेक पानी रिलीज होने के कारण डैम का जलस्तर और बढ़ने की संभावना है।
सरदार सरोवर डैम: कुछ ही दिनों में ओवरफ्लो हो जाएगा
मौसम विभाग के अनुसार, अभी गुजरात में अगले 2-3 दिन तक तेज बारिश की संभावना है। इससे सरदार सरोवर डैम में पानी की आवक जारी रहने का अनुमान है। साथ ही भारी बरसात से नर्मदा जिले के नहर-नालों के अलावा गुजरात की नदियों से सरदार सरोवर डैम में पानी आ रहा है। पानी की आवक इसी तरह जारी रही तो अगले दो दिनों में डैम के गेट खोलने पड़ सकते हैं। जिसके चलते नर्मदा घाटी के गांवों को भी अलर्ट किया गया है। सरकार को आशा है कि, मानसून के वापस लौटने तक डैम पूरा भर ही जाएगा।
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जानिए कैसा है सरदार सरोवर डैम, कब बना?
गुजरात में इस सबसे बड़े डैम को बनाने की पहल तब शुरू हुई थी जब देश आजाद भी नहीं हुआ था। खुद सरदार पटेल ने 1945 में यहां बांध बनाए जाने का सपना देखा था। 5 अप्रैल 1961 को प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने इसकी नींव रखी, लेकिन तमाम वजहों से यह प्रोजेक्ट (परियोजना) लटका रह गया। इसे पूरा होने में पूरे 56 साल लग गए। यह काम पूरा हुआ वर्ष 2017 में। भारत के इतिहास में यह एक विवादास्पद परियोजना भी कही जा सकती है क्योंकि इसे बनाना शुरू किया था कांग्रेस नेता व देश के पहले पीएम पंडित जवाहर लाल नेहरू ने, लेकिन परवान चढ़ा पीएम नरेंद्र मोदी के शासन में। भाजपा-कांग्रेस के बीच इसे लेकर खूब बयानबाजी हुई।
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138 मीटर ऊंचा है यह बांध
भारत में वर्ष 2017 से पहले तक पंजाब में स्थित भाखरा-नांगल बांध ही सर्वाधिक चर्चित था। किंतु अब चर्चे सरदार सरोवर बांध के होते हैं। नर्मदा नदी पर बना यह बांध 138 मीटर ऊंचा (नींव सहित 163 मीटर) है। इसमें कई ऐसी खासियतें हैं, जो इसे दुनिया में सबसे खास बनाती हैं। नर्मदा नदी पर बनने वाले 30 बांधों में सरदार सरोवर और महेश्वर दो सबसे बड़ी बांध परियोजनाएं हैं। हालांकि, इनका लगातार विरोध भी होता रहा है। इन परियोजनाओं का मुख्य उद्देश्य गुजरात के सूखाग्रस्त इलाक़ों में पानी पहुंचाना और मध्य प्रदेश के लिए बिजली पैदा करना है।
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सुप्रीम कोर्ट में अटका रहा था मामला
इस बांध के निर्माण कार्य को फिर से शुरू कराने के लिए अक्टूबर 2000 में सुप्रीम कोर्ट की अनुमति ली गई। 1945 से अटका यह काम तब शुरू हुआ। हालांकि, इसकी ऊंचाई को घटाकर 110.64 मीटर करने का आदेश दे दिया गया। उसके बाद 2006 में डैम की ऊंचाई को बढ़ाकर 121.92 मीटर और 2017 में 138.90 मीटर करने की इजाजत मिल गई। इस तरह, सरदार सरोवर डैम को पूरा होने में करीब 56 साल लगे। 17 सितंबर 2017 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे देश को समर्पित किया।
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गुजरात 64 बांध पूरे भरे
लगातार बारिश के चलते गुजरात के कई सारे बांध समय से पहले ही पानी से भर गए हैं। 64 बांध तो सौ फीसदी छलक रहे हैं। मौसम विभाग के मुताबिक, बारिश से सीजन में गुजरात के कुल मिलाकर 206 बांधों में पानी भर रहा है। जिनमें 64 बांध ऐसे हैं जो कि 70 से 100% तक भर चुके हें। बारिश के कारण राज्य के 131 मार्ग भी प्रभावित हुए हैं।
गुजरात में अब तक हुई इतनी बारिश
पिछले वर्ष की तरह इस बार भी गुजरात में खूब मानसूनी वर्षा हुई है। कुछ जिलों में तो मूसलाधार बारिश ने कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। मौसम विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, राज्य में अब तक मौसम की 88% से भी ज्यादा बरसात हो चुकी है। जिनमें सबसे ज्यादा कच्छ जोन में 150.87%, और सौराष्ट्र जोन में 119.18% बारिश दर्ज की गई।