पानी से अब पूरा भर जाएगा सबसे बड़ा बांध, सरकार ने 138 मीटर तक भरने की मंजूरी दी
अहमदाबाद। सबसे बड़ा बांध 'सरोदर सरोवर डैम' पानी से अब पूरा भर जाएगा। गुजरात सरकार इसे फुल लेवल यानी कि, 138 मीटर तक भरने की परमिशन दे दी है। जिसके चलते सरदार सरोवर नर्मदा निगम लिमिटेड ने इस डैम के गेट बंद कर दिए हैं। भारी बारिश के चलते इन गेटों को खुला रखा हुआ था।
अब 138 मीटर तक भरेगा सरदार सरोवर डैम
गुजरात और मध्यप्रदेश में लगातार भारी वर्षा हुई है, जिसके चलते नदी नाले उफान पर हैं। वहीं, काफी सारे बांध व ताल भी भर गए हैं। साथ ही सरदार सरोवर डैम में भी पानी की आवक तेजी से बढ़ी है। पिछले हफ्ते सरदार सरोवर डैम का जलस्तर 132 मीटर पर पहुंच गया था। जिसके चलते शनिवार को 23 गेट खोलने पड़े थे। उसके पश्चात् अब राज्य सरकार ने मंजूरी दी है कि, बांध को पूरा भरने दिया जाए। जिसके बाद गेट बंद कर दिए गए हैं।
बांध की वजह से नहर, ताल भी भर गए
अत:
अब
जल्द
ही
यह
डैम
पानी
से
लबालब
हो
जाएगा।
संवाददाता
ने
बताया
कि,
इस
डैम
से
गुजरात
की
13%
जमीन
को
सिंचाई
का
पानी
उपलब्ध
करने
वाली
सबसे
लंबी
पक्की
नहर
को
भी
भर
दिया
गया
है।
जिसे
नर्मदा
केनल
कहा
जाता
है।
उसके
अलावा
राज्य
के
108
तालाब
भी
भर
चुके
हैं।
करजन
केनल
में
भी
7000
क्यूसेक
पानी
छोड़ा
गया
है।
बावजूद
इसके
अभी
भी
सरदार
सरोवर
डैम
में
हर
घंटे
5
सेमी
पानी
बढ़
रहा
है।
130 मीटर के पार पहुंचा गुजरात के सबसे बड़े बांध का जलस्तर, ऐसा दिख रहा है अब सरदार सरोवर डैम
बांध के पानी से बिजली भी बन रही
नर्मदा नदी के इस बांध पर स्थित रिवर बेड पावर हाउस के 1200 मेगावाट टर्बाइन को 24 घंटे सक्रिय रखकर रोजाना 3.36 करोड़ रुपए की बिजली पैदा की जा रही है। शनिवार रात डैम के 23 गेट खोल 2.65 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। जिसके चलते आस-पास के खेतों में पानी भर गया। बहरहाल, इस पानी से फसलें बर्बाद होने की आशंका जताई जा रही है। नर्मदा नदी में 3.05 लाख क्यूसेक पानी आने पर बिना बरसात के बाढ़ वाली स्थिति बनी है।
गुजरात में दुनिया की सबसे लंबी पक्की नहर, भर गई इतनी कि सालभर बुझा सकती है अहमदाबाद की प्यास
जानिए कैसा है सरदार सरोवर डैम, कब बना?
गुजरात में इस सबसे बड़े डैम को बनाने की पहल तब शुरू हुई थी जब देश आजाद भी नहीं हुआ था। खुद सरदार पटेल ने 1945 में यहां बांध बनाए जाने का सपना देखा था। 5 अप्रैल 1961 को प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने इसकी नींव रखी, लेकिन तमाम वजहों से यह प्रोजेक्ट (परियोजना) लटका रह गया। इसे पूरा होने में पूरे 56 साल लग गए। यह काम पूरा हुआ वर्ष 2017 में। भारत के इतिहास में यह एक विवादास्पद परियोजना भी कही जा सकती है क्योंकि इसे बनाना शुरू किया था कांग्रेस नेता व देश के पहले पीएम पंडित जवाहर लाल नेहरू ने, लेकिन परवान चढ़ा पीएम नरेंद्र मोदी के शासन में। भाजपा-कांग्रेस के बीच इसे लेकर खूब बयानबाजी हुई।
सरदार सरोवर डैम का जलस्तर ‘ओवरफ्लो' पॉइंट पर पहुंचा, अपने जन्मदिन पर इसे निहारेंगे PM मोदी
163 मीटर ऊंचा है यह बांध
भारत में वर्ष 2017 से पहले तक पंजाब में स्थित भाखरा-नांगल बांध ही सर्वाधिक चर्चित था। किंतु अब चर्चे सरदार सरोवर बांध के होते हैं। नर्मदा नदी पर बना यह बांध 138 मीटर ऊंचा (नींव सहित 163 मीटर) है। इसमें कई ऐसी खासियतें हैं, जो इसे दुनिया में सबसे खास बनाती हैं। नर्मदा नदी पर बनने वाले 30 बांधों में सरदार सरोवर और महेश्वर दो सबसे बड़ी बांध परियोजनाएं हैं। हालांकि, इनका लगातार विरोध भी होता रहा है। इन परियोजनाओं का मुख्य उद्देश्य गुजरात के सूखाग्रस्त इलाक़ों में पानी पहुंचाना और मध्य प्रदेश के लिए बिजली पैदा करना है।
नर्मदा बांध में पहली बार भरा 442 फीट पानी, PM मोदी बोले- ये खबर आपको रोमांचित कर देगी
सुप्रीम कोर्ट में अटका रहा था मामला
इस बांध के निर्माण कार्य को फिर से शुरू कराने के लिए अक्टूबर 2000 में सुप्रीम कोर्ट की अनुमति ली गई। 1945 से अटका यह काम तब शुरू हुआ। हालांकि, इसकी ऊंचाई को घटाकर 110.64 मीटर करने का आदेश दे दिया गया। उसके बाद 2006 में डैम की ऊंचाई को बढ़ाकर 121.92 मीटर और 2017 में 138.90 मीटर करने की इजाजत मिल गई। इस तरह, सरदार सरोवर डैम को पूरा होने में करीब 56 साल लगे। 17 सितंबर 2017 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे देश को समर्पित किया।
गुजरात 64 बांध पूरे भरे
लगातार बारिश के चलते गुजरात के कई सारे बांध समय से पहले ही पानी से भर गए हैं। 64 बांध तो सौ फीसदी छलक रहे हैं। मौसम विभाग के मुताबिक, बारिश से सीजन में गुजरात के कुल मिलाकर 206 बांधों में पानी भर रहा है। जिनमें 64 बांध ऐसे हैं जो कि 70 से 100% तक भर चुके हें। बारिश के कारण राज्य के 131 मार्ग भी प्रभावित हुए हैं।
गुजरात में अब तक हुई इतनी बारिश
पिछले वर्ष की तरह इस बार भी गुजरात में खूब मानसूनी वर्षा हुई है। कुछ जिलों में तो मूसलाधार बारिश ने कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। मौसम विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, राज्य में अब तक मौसम की 88% से भी ज्यादा बरसात हो चुकी है। जिनमें सबसे ज्यादा कच्छ जोन में 150.87%, और सौराष्ट्र जोन में 119.18% बारिश दर्ज की गई।