दूसरे राज्यों के कामगारों-प्रवासी मजदूरों के लिए गुजरात सरकार का 40 करोड़ का फंड, रहने-खाने की व्यवस्था होगी
गांधीनगर. गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने अन्य राज्यों से रोजगार और रोजी-रोटी के लिए आए श्रमिकों-कामगारों सहित सुदूरवर्ती गांवों के श्रमजीवी परिवारों को ध्यान में रखते हुए फंड की घोषणा की है। मुख्यमंत्री द्वारा आवंटित यह फंड 40 करोड़ रुपए का है। साथ ही लॉकडाउन की वर्तमान स्थिति में अपने वतन या गांव वापस न लौटने के उद्देश्य से उनके रहने और भोजन इत्यादि की व्यवस्था का भी ऐलान किया गया है।
रहने
को
शेड
बनेंगे,
4
अप्रैल
से
मिलेगा
मुफ्त
अनाज
मुख्यमंत्री
के
सचिव
अश्विनी
कुमार
ने
बताया
कि,
राज्य
में
विभिन्न
स्थानों
पर
40
करोड़
रुपए
की
लागत
से
आश्रय-राहत
शिविर
शेड
बनाया
जाएगा।
इसके
लिए
राज्य
आपदा
राहत
कोष
(एसडीआरएफ)
से
विशेष
आवंटन
किया
गया
है।
उन्होंने
कहा
कि
ऐसे
शेड
बनाने
के
लिए
अहमदाबाद
को
3
करोड़,
सूरत
को
2.50
करोड़,
वडोदरा,
राजकोट
और
गांधीनगर
को
2-2
करोड़
तथा
अन्य
जिलों
को
एक-एक
करोड़
रुपए
आवंटित
किए
गए
हैं।
अश्विनी
कुमार
ने
यह
भी
कहा
कि,
राशन
कार्ड
नहीं
होने
पर
भी
अन्य
राज्यों
के
श्रमिकों
को
4
अप्रेल
से
अनाज
मिलेगा।
मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार, राज्य सरकार ने गुजरात में रोजी रोटी के लिए आकर बसे अन्य राज्यों के श्रमिकों, गरीब-अंत्योदय लोगों को भी लॉकडाउन के हालात में अनाज के बगैर नहीं रहने देने का फैसला किया है। इसके तहत ऐसे परिवारों को आगामी 4 अप्रेल से अन्नब्रह्म योजना के तहत सरकारी मान्यता प्राप्त उचित मूल्य की दुकानों से अनाज दिया जाएगा। ऐसे व्यक्ति-परिवारों की सूची संबंधित जिले के प्रशासन ने तैयार की है।
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