गुजरात: सीएम विजय रुपाणी की छुट्टी का असली कारण जानिए, बीजेपी इन राज्यों में भी कर सकती है बदलाव
गांधीनगर, 12 सितंबर: गुजरात में विजय रुपाणी सरकार के पांच साल पूरे होने पर पिछले हफ्ते ही भाजपा ने जश्न मनाया था। फिर अचानक विजय रुपाणी ने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा क्यों दे दिया? पार्टी की ओर से या खुद रुपाणी की ओर से जो कुछ भी कहा जाए, लेकिन इसके पीछे असल वजह यही बताया जा रहा है कि पार्टी के मन में 27 साल की एंटी इंकंबेंसी के साथ-साथ मौजूदा नेतृत्व की अगुवाई में चुनाव लड़ने को लेकर कई तरह की आशंकाएं थीं। लेकिन, भाजपा से मिली अंदुरूनी खबरों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में पार्टी अगली पीढ़ी का नेतृत्व तैयार कर रही है और पार्टी की सरकारों में जो ट्रेंड चल रहा है, उसके चलते कुछ और जगहों पर भी बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
क्यों हटे गुजरात के सीएम विजय रुपाणी ?
इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी के कार्यकाल पूरा होने से पहले ही इस्तीफे के पीछे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) का एक सर्वे है। इसके मुताबिक सर्वे से पता चला था कि रुपाणी के नेतृत्व में गुजरात का अगला चुनाव जीतना भाजपा के लिए मुश्किल हो सकता था। कहा जा रहा है कि आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जन संवेदना यात्रा के दौरान प्रदेश के विभिन्न इलाकों में कोविड-19 की दूसरी लहर में बीजेपी सरकार की नाकामियां जिस तरह से गिनाने की कोशिश की हैं, उसके बाद रुपाणी के चेहरे पर बीजेपी के लिए अगले चुनाव में जीत हासिल करना और भी चुनौतीपूर्ण हो सकता था। वैसे भी जो पार्टी लगातार 27 साल से गुजरात की सत्ता में है, और यह एंटी-इंकंबेंसी के लिए बड़ा कारण हो सकता है।
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किसने लिखी रुपाणी की छुट्टी की स्क्रिप्ट ?
माना जाता है कि विजय रुपाणी केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के खास मित्र हैं। जानकारी के मुताबिक दो दिन पहले शाह अचानक रात को दिल्ली से गुजरात आए थे और अगले ही दिन वापस राजधानी लौट गए थे। अटकलें हैं कि शाह के साथ वरिष्ठ बीजेपी नेताओं की एक बैठक भी हुई थी और उसी में यह तय हो गया था कि रुपाणी इस्तीफा दे देंगे। जाहिर है कि गुजरात में भाजपा का नया चेहरा जातीय समीकरणों और चुनावी जरूरतों को देखते हुए ही तय किया जाने वाला है। क्योंकि, उसे कम समय में ही सरकार और वोटर दोनों को ही ध्यान में रखकर आगे बढ़ना होगा और विकास के बचे हुए वादों को पूरा करने की दिशा में काम करना होगा।
युवा पीढ़ी को आगे करने की है बीजेपी की रणनीति- सूत्र
लेकिन, भाजपा के एक सूत्र ने वन इंडिया से कहा है कि विजय रुपाणी के इस्तीफे को संघ के किसी सर्वे से जोड़ना सही नहीं है। सूत्र ने दावा किया है कि दरअसल, यह पार्टी की लंबी रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत बीजेपी नए जेनरेशन के नेताओं को आगे कर रही है। इसके तहत सूत्र ने बिहार और केंद्रीय मंत्रिपरिषद से बुजुर्ग नेताओं की छुट्टी और ज्यादा युवाओं को तरजीह देने का उदाहरण दिया है। मसलन, बिहार में सुशील कुमार मोदी, नंदकिशोर यादव और प्रेम कुमार जैसे वरिष्ठ नेताओं की जगह नए नेताओं को सरकार में कमान सौंपी गई है। इसी तरह कर्नाटक में भी बुजुर्ग बीएस येदियुरप्पा की जगह बसवराज बोम्मई मुख्यमंत्री बनाए गए हैं। उत्तराखंड में भी पार्टी ने यही किया है।
इन राज्यों में सरकार का नेतृत्व बदल सकती है भाजपा- सूत्र
बीजेपी सूत्र ने पार्टी की ओर से भविष्य में जहां नेतृत्व परिवर्तन की संभावना जाहिर की है, उनमें मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश भी शामिल है। यही नहीं गुजरात में भी कुछ और मंत्रियों को बदला जा सकता है। मध्य प्रदेश में 2023 के अंत में चुनाव होने हैं और हो सकता है कि वहां शिवराज सिंह चौहान की जगह किसी ज्यादा युवा नेता को पार्टी आगे करे। इसी तरह हिमाचल प्रदेश में भी अगले साल ही बाद में चुनाव होने हैं और कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी वहां भी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की जगह किसी ज्यादा युवा नेता को आगे कर सकती है और उसके लिए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का नाम भी चौंका सकता है। हालांकि, पार्टी ने अब तक यह मेंटन किया है कि अगला चुनाव जयराम ठाकुर के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा।
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गुजरात में सीएम बदलने पर क्या बोली कांग्रेस ?
गौरतलब है एक महीने पहले ही गुजरात में रुपाणी सरकार के पांच साल पूरे होने पर एक हफ्ते लंबा उत्सव मनाया गया था। कांग्रेस नेता परेश धनाणी ने सवाल किया है कि 'जब सरकार की कामयाबी का जश्न मनाया गया तो चेहरा बदलने की क्या जरूरत थी?' उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने अपनी नाकामी छिपाने के लिए विजय रुपाणी को हटाया है।