गुजरात राज्यसभा चुनाव: मुख्यमंत्री रूपाणी ने डाला वोट, कहा- तीनों उम्मीदवारों का जीतना तय
गांधीनगर। गुजरात में आज विधानसभा के फ्लोर नंबर-4 पर राज्यसभा की 4 सीटों के लिए वोटिंग हुई। संवाददाता ने बताया कि, पांच बजे वोटों की काउंटिंग शुरू होगी। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी समेत सत्ताधारी दल के विधायकों एवं मंत्रियों ने वोट डाला है। कांग्रेस के विधायक भी एक-एक करके वोटिंग करने पहुंच रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने डाला वोट
कोरोना-लॉकडाउन के कारण वोटिंग सेंटर पर सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा जा रहा है। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी मास्क पहनकर विधानसभा पहुंचे। जहां उन्होंने अपने हाथों को सैनेटाइज कराया। उसके बाद वोट डाला। इस मौके पर रूपाणी ने मीडिया से कहा कि, यह वोटिंग तो फॉर्मेलिटी है। हमारे तीनों उम्मीदवारों का जीतना तय है, क्योंकि कांग्रेस के विधायकों को भी उसकी विचारधारा पर विश्वास नहीं रहा।
और भी विधायक पहुंचे
रूपाणी बोले कि, कांग्रेस में चल रहे आंतरिक विवाद की बात से हर कोई वाकिफ है। हालांकि विपक्ष नेता द्वारा चुनाव रोकने के प्रयास भी हुए, लेकिन इसमें भी वह कामयाब नहीं हो सके। ऐसे में अब उसका हारना तय है। ज्ञातव्य है कि, राज्यसभा के इस चुनाव में एक-एक वोट कीमती होने के कारण जिनका स्वास्थ्य ठीक नहीं हैं, उनसे भी वोटिंग कराई जा रही है। मातर के विधायक केसरीसिंह सोलंकी सीने में दर्द के कारण अस्पताल में भर्ती किया गया था। इसी कारण उन्होंने पोस्टल बैलेट से वोटिंग की है। तो बलराम थवानी भी व्हीलचेयर में बैठकर वोटिंग के लिए पहुंचे हैं।
ये विधायक भी देंगे अपना वोट
इन दिनों शंभुजी ठाकोर और परषोत्तम सोलंकी का स्वास्थ्य भी ठीक नहीं होने के बावजूद वोट देना पड़ेगा। इसके लिए उनसे सहायकों की मदद से वोटिंग करवाया जाएगा। इस चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के लिए बीटीपी का पक्ष भी निर्णायक साबित हो सकता है। ऐसे में बीटीपी द्वारा कुछ शर्त रखी गई हैं। छोटू वसावा ने कहा कि, यह सरकार एससी-एसटी ओबीसी विरोधी है। अब तो लॉकडाउन का शिड्यूल-5 लागू करने की लिखित तसल्ली मिलने के बाद ही हमारे विधायक वोटिंग करेंगे।
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बीटीपी विधायक वोट न दें तो भाजपा फायदे में
बहरहाल, बीटीपी के नेताओं की भाजपा समेत कांग्रेस के नेताओं से मीटिंग जारी हैं। हालांकि, बिटीपी द्वारा वोटिंग नहीं की गई तो इसका फायदा भाजपा को मिलने की संभावना है। कांग्रेस चाहती है कि 2 सीटें तो वो इस चुनाव में जीत ही ले। मगर, राह आसान नहीं रह गई।