गुजरात का पहला एम्स: राजकोट में मास्टर लेआउट प्लान मंजूर, 2022 से पहले ही लोकार्पण की तैयारी
राजकोट। गुजरात का पहला अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) राजकोट में स्थापित किया जाना है। इसके लिए अब राजकोट के परापिपलिया में मुख्य लेआउट प्लान को मंजूरी दे दी गई है। हाल ही राजकोट शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा एम्स अस्पताल के निर्माण के लिए लेआउट प्लान को अनुमोदित किया गया। बताया गया कि, राज्य सरकार द्वारा एम्स अधिकारियों को सौंपी गई 200 एकड़ जमीन की कंपाऊंड वॉल और भूखंड का काम जल्द पूरा कर लिया जायेगा। साथ ही आने वाले दिनों में 19 अलग-अलग भवनों की योजनाओं को चरणों में मंजूरी दी जाएगी।
कब एम्स अस्पताल का उद्घाटन किया जाएग?
बताते चलें कि, मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने सितंबर महीने में घोषणा की थी कि 2022 से पहले एम्स अस्पताल का उद्घाटन किया जाएगा। रूपाणी का कहना है कि, हमारे गृहनगर राजकोट में एम्स की स्थापना की तैयारी काफी तेजी से चल रही हैं। वर्ष 2022 से पहले ही एम्स यहां स्थापित हो जाएगा। वैसे भी क्योंकि, राजकोट ही सौराष्ट्र का केंद्र बिंदु है, तो सौराष्ट्र के अन्य जिलों के लोग भी यहां उपचार के लिए आते हैं। एम्स के कारण राजकोट सहित समूचे सौराष्ट्र में श्रेष्ठ स्वास्थ्य सुविधाएं स्थानीय स्तर पर ही सुलभ होंगी।
एम्स को लेकर भिड़े थे राज्य के दो जिले
ज्ञातव्य है कि, गुजरात में एम्स की स्थापना को लेकर विवाद हो गया था। यहां एम्स किस शहर को मिले इस मुद्दे पर राजकोट ओर वडोदरा के बीच बहस छिड़ गई थी। दोनेां के सांसद व विधायक अपने-अपने यहां एम्स शुरू कराना चाहते थे। तब मुख्यमंत्री रूपाणी ने कहा था कि, "एम्स कहां और किसको देनी है, इसका फैसला गुजरात सरकार नहीं, बल्कि केन्द्र सरकार करती है। आपकी जो चिंता है, वह मैं बस ऊपर तक पहुंचा दूंगा।"
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इसलिए वडोदरा को नहीं, राजकोट को मिला
अंतत: वर्ष 2019 की शुरूआत में केंद्र सरकार के दल ने जानकारी दी कि, एम्स की स्थापना राजकोट में की जाएगी। राजकोट को एम्स के लिए चुने जाने के पीछे बड़ी वजह गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल बताए गए, जो कि स्वास्थ्य मंत्री भी हैं। उन्होंने ही अपने ब्रीफिंग में कहा कि केंद्र सरकार ने एम्स राजकोट में देने का फैसला लिया है।
इस एम्स परिसर में 800 से 1,000 बेड होंगे
राजकोट को एम्स मिलने की जानकारी देते हुए नितिन पटेल ने कहा था, ''राजकोट की भूमि (खंडेरी स्टेडियम के पास) जो पहले से ही पहचानी जाती है, वहाँ राजकोट के जिला कलेक्टर द्वारा कार्यवाही और एम्स के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू की जाएगी। गुजरात के एम्स में 800 से 1,000 बेड का अस्पताल और मेडिकल कॉलेज की सुविधा होगी। एम्स का निर्माण चार साल में संपन्न होगा।
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हर दिन 15 हजार मरीजों को उपचार मिलेगा
एम्स की अहमियत इसी से समझी जा सकती है कि, 1200 करोड़ की इस परियोजना से हर दिन औसतन 1500 मरीजों को चिकित्सा सुविधा मिलेगी। एक अन्य बात यह पता चली है कि, भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के एम्स डिवीजन के निर्देशक ने 31 दिसंबर 2018 को गुजरात के स्वास्थ्य विभाग को एक मेल किया था। इस मेल में कहा गया था कि सूबे में नया एम्स राजकोट को मिलना चाहिए। जिसके लिए गुजरात सरकार ने पहले से ही खंडेरी स्टेडियम के पास भूमि चिन्हित कर ली।