प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना: गुजरात की महिलाओं की बदली तकदीर, संपन्न परिवार-सेहतमंद जीवन
गांधीनगर: प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना देश भर की गरीब और मध्यम वर्ग के जरूरतमंद परिवारों की महिलाओं को धुआं मुक्त जीवन देकर उन्हें सशक्त बनाकर समाज की अगली कतार में लाने की योजना है। गुजरात में इस योजना के माध्यम से महिलाओं को मुफ्त एलपीजी गैस कनेक्शन और सिलेंडर उपलब्ध करवा कर उनके घरों को धुआं मुक्त किया जाता है। प्रदेश में अबतक इस योजना के तहत कुल 36.41 लाख से अधिक महिला लाभार्थियों को ये मुफ्त गैस कनेक्शन मिल चुके हैं।
महिलाओं
को
मिली
स्वास्थ्य
की
कई
समस्याओं
से
मुक्ति
गुजरात
में
केंद्र
सरकार
की
प्रधानमंत्री
उज्ज्वला
योजना
को
जबरदस्त
सफलता
मिली
है।
इस
योजना
के
तहत
पूरे
देश
में
4
जुलाई,
2022
तक
कुल
9,34,26,689
महिला
लाभार्थियों
को
मुफ्त
गैस
सिलेंडर-कनेक्शन
वितरित
किए
जा
चुके
हैं।
इस
वजह
से
देश
की
लाखों
परिवारों
की
महिलाओं
को
पारंपरिक
लकड़ी
के
चूल्हे
और
ईंधन
के
उपयोग
की
लाचारी
से
मुक्ति
मिल
चुकी
है;
और
अब
इसकी
जगह
वो
रसोई
गैस
का
इस्तेमाल
कर
रही
हैं।
इस
योजना
से
अनगिनत
महिलाओं
की
स्वास्थ्य
से
संबंधित
कई
दिक्कतें
दूर
हो
गई
हैं।
गुजरात
में
कुल
36.41
लाख
मुफ्त
गैस
कनेक्शन
दिए
गए
उज्ज्वला
योजना
के
प्रथम
चरण
में
प्रदेश
की
28.97
लाख
से
अधिक
महिलाओं
को
निःशुल्क
गैस
एवं
सिलिंडर
वितरित
किये
गए
थे,
जो
कि
एक
बड़ी
सफलता
है।
इस
योजना
का
दूसरा
चरण
भी
केंद्र
सरकार
द्वारा
शुरू
किया
गया
है,
जिसमें
देश
भर
की
महिलाओं
को
कनेक्शन
प्रदान
किए
जाने
हैं।
4
जुलाई
तक
देशभर
में
1,35,23,557
कनेक्शन
बांटे
जा
चुके
थे।
दूसरे
चरण
में
भी
गुजरात
में
7.43
लाख
से
अधिक
परिवारों
की
महिलाओं
को
मुफ्त
गैस
कनेक्शन
वितरित
किए
गए
हैं।
गुजरात
सरकार
के
सहयोग
और
प्रयासों
से
प्रदेश
में
उज्ज्वला
योजना
के
माध्यम
से
कुल
36.41
लाख
परिवारों
की
महिलाओं
को
मुफ्त
गैस
कनेक्शन
दिया
जा
चुका
है,
जिसमें
सबसे
अधिक
2.79
लाख
गैस
कनेक्शन
बनासकांठा
जिले
में
और
2.19
लाख
गैस
कनेक्शन
दाहोद
जिले
में
दिए
गए
हैं।
गांधीनगर के एजेंसी प्रबंधक सुनील भाई ने कहा कि
राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इस योजना का लाभ बड़ी संख्या में देने को कहा है, ताकि राज्य की किसी भी महिला को धुएं में घुटन महसूस न हो और किसी महिला की जहरीले धुएं के कारण आंखों की रोशनी न जाए। उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन लेने वाली महिला को 3,200 रुपये मूल्य का गैस सिलेंडर-चूल्हा प्रदान किया जाता है। सरकार द्वारा 1,600 रुपये की सब्सिडी प्रदान की जाती है, जबकि 1600 रुपये तेल कंपनियों द्वारा वितरित किए जाते हैं।
बनासकांठा जिले की विमलाबेन ने उज्ज्वला योजना के बारे में कहा कि
हमारे गरीब परिवार में हम जलाऊ लकड़ी का उपयोग करके खाना बनाते थे, क्योंकि हमारे पास गैस सिलेंडर भरने के लिए पैसे नहीं थे। लेकिन सरकार की इस योजना से हमें गैस सिलेंडर, स्टोव, रेगुलेटर आदि पूरी तरह से मुफ्त मिल रहे हैं। अब हम गैस सिलेंडर से ही खाना बनाते हैं। चूल्हे जलाने और ईंधन इकट्ठा करने जाने से पूरी आजादी है।
धुआं
मुक्त
ग्रामीण
भारत
के
सपने
को
साकार
करने
और
ग्रामीण
क्षेत्रों
में
रहने
वाली
महिलाओं
को
पारंपरिक
लकड़ी
के
ईंधन
से
मुक्त
करने
के
लिए
यह
योजना
काफी
कारगर
साबित
हुई
है।
महिलाओं
को
स्वस्थ
रखने
और
लकड़ी
के
ईंधन
से
पैदा
होने
वाले
जहरीले
धुएं
की
परेशानी
से
मुक्त
करने
के
लिए
एक
बहुत
ही
महत्वपूर्ण
सामाजिक
कल्याण
योजना
बन
चुकी
है।
(तस्वीर-सांकेतिक)