देश के 64 शक्तिपीठों में से एक पावागढ़ मंदिर 111 दिनों बाद खुला, बच्चे-बूढ़ों को एंट्री नहीं, 2600 फीट ऊंचाई पर वर्षा
देश के 64 शक्तिपीठों में से एक पावागढ़ मंदिर 111 दिनों बाद खुला, बच्चे-बूढ़ों को एंट्री नहीं, 2600 फीट ऊंचाई पर बारिश
पंचमहाल। गुजरात में पंचमहाल जिले की पावागढ़ पहाड़ी पर स्थित मां कालिका का मंदिर अंतत: खुल गया है। कोरोना-लॉकडाउन के चलते यह पिछले 111 दिन से बंद था। प्रशासन द्वारा इसे मंगलवार सुबह 6 बजे खोला गया, जो रोज शाम के 7.30 बजे बंद कर दिया जाया करेगा। यह मंदिर देश के 64 शक्तिपीठों में से एक है। यह पावागढ़ की ऊँची पहाड़ियों के बीच लगभग 550 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यहां दक्षिणमुखी काली मां की मूर्ति है।
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ढ़ाई हजार फीट ऊंचाई पर हरियाली की चादर
इन दिनों हो रही तेज वर्षा के चलते मौसम सुहावना है। ठंडी हवाओं के बीच बूंदें बरस रही हैं और पावागढ़ पर्वत ने हरियाली की चादर ओढ़ ली है। मां कालका के दर्शन के साथ भक्त पहाड़ी पर मौसम का आनंद ले रहे हैं। नजारा देखते ही बन रहा है। आज भी यहां झमाझम बारिश का दौर जारी है। पिछले दो दिनों से रुक-रुककर बारिश हो रही है। जिसके चलते मंदिर के आस-पास का इलाका हरा-भरा हो गया है।
111 दिन बाद नियम-शर्तों के साथ खुला मंदिर
सरकारी गाइडलाइन के अनुसार, यह मंदिर मंगलवार सुबह 6 बजे खोला गया, जो शाम के 7.30 पर बंद कर दिया जाएगा। हालांकि, अभी यहां 10 साल से कम उम्र के और 65 साल से अधिक उम्र के लोगों का मंदिर में प्रवेश वर्जित रहेगा। मंदिर ट्रस्ट की ओर से साफ कहा गया है कि, भक्तों को मंदिर पहुंचने की अनुमति नियम-शर्तों के साथ ही दी गई है। इसमें सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का पालन अनिवार्य है।
महाकाली मंदिर पावागढ़-पंचमहाल : 1525 फीट उंची है पहाड़ी, पौराणिक-ऐतिहासिक महत्त्व
बारिश की फुहारों ने उत्तराखंड जैसा नजारा बनाया
खास
बात
यह
है
कि,
अब
रोप-वे
शुरू
करने
की
भी
तैयारी
पूरी
हो
चुकी
है।
वहीं,
भक्तों
के
लिए
माताजी
के
दर्शन
के
लिए
ऑनलाइन
व्यवस्था
भी
की
गई
है।
करीब
ढाई
हजार
फीट
उूंचाई
पर
बारिश
की
फुहारों
से
मौसम
बड़ा
मनमोहक
लग
रहा
है।
भक्तों
को
कई
बार
ऐसी
फीलिंग
आती
है
जैसे
उत्तराखंड
या
हिमाचल
में
हों।
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मंदिर
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