गुजरात सरकार का दावा- कोरोना काल के 7 महीनों में 78 हजार से ज्यादा लोगों को मिली नौकरी
अहमदाबाद। गुजरात सरकार के श्रम एवं रोजगार विभाग की रिपोर्ट में बताया गया है कि, कोरोना काल के 7 महीनों में राज्य के 78400 लोगों को नौकरी मिली। वहीं, इस दावे के उलट पूरे देश की असलियत यह है कि कोरोना-लॉकडाउन के चलते करोड़ों लोगों के रोजगार-धंधे ठप हो गए। ऐसे में गुजरात सरकार कह रही है कि, हमारे यहां कोरोना काल में अप्रैल से लेकर 18 अक्टूबर अब तक 892 ऑनलाइन जॉब फेयर आयोजित किए गए। जिसके जरिए 33542 लोगों को विपरीत परिस्थितियों में भी रोजगार मिला। यह रोजगार निजी से लेकर सरकारी क्षेत्रों के विभिन्न सेक्टरों में मिला।
राज्य के श्रम एवं रोजगार विभाग का यह भी दावा है कि, श्रम एवं रोजगार विभाग के जगह-जगह स्थित कार्यालयों के माध्यम से अप्रैल से 18 अक्टूबर 2020 के दौरान 45 हजार अतिरिक्त युवाओं को रोजगार दिलाया गया है। इस तरह अप्रैल से अक्टूबर के दौरान राज्य में 78400 लोगों को रोजगार मिला। विभाग के अधिकारियों की मानें तो उन्होंने महामारी के चलते पैदा हुई विपरीत परिस्थितियों में भी रोजगार के पहिए को थमने नहीं दिया। रोजगार के इच्छुक युवाओं और रोजगार देने को तैयार कंपनियों के बीच प्लेटफॉर्म बनने वाले विभाग ने कोरोना के चलते जब रूबरू इंटरव्यू की संभावना खत्म हुई तो ऑनलाइन जॉब फेयर शुरू किया गया। तकनीक के सहारे से ऑनलाइन ही नौकरी इच्छुक लोगों और नौकरी देने वाली कंपनियों के कर्मचारियों के बीच साक्षात्कार की सुविधा मुहैया कराई गई। जिसके चलते हजारों लोगों की भर्ती हुई।
कोरोना के बीते 7 महीनों में सबसे ज्यादा 3500 नौकरी अहमदाबाद के लोगों को मिली। उसके बाद कच्छ जिला मुख्यालय भुज के 2100 लोगों को, सूरत के 2000 से ज्यादा लोगों को, वडोदरा में 1800 से ज्यादा लोगों को रोजगार मुहैया कराया गया। वहीं, पालनपुर में 1700, जामनगर में 1500, नर्मदा और छोटाउदेपुर जैसे आदिवासी बहुल जिलों में 1300-1300 से ज्यादा लोगों को नौकरी दी गई।गांधीनगर में भी ऑनलाइन जॉब फेयर के जरिए 1150 और महेसाणा के 1050 लोगों को नौकरी प्राप्त हुई।0