रूस और यूक्रेन के बच्चों में ट्रांसप्लांट हुए गुजरात के ढाई साल के बच्चे का दिल और फेफड़े, 4 जानें बचीं
सूरत। गुजरात के सूरत शहर में पहली बार महज ढाई साल के बच्चे के शरीर के अंग डॉनेट किए गए। उस बच्चे के दिल, फेफड़े, किडनी, लीवर और आंखों से कई बच्चों को नई जिदंगी मिली। जिस बच्चे के अंग डॉनेट किए गए हैं, उसका नाम जश संजीव भाई ओझा था। उसके पिता पेशे से पत्रकार हैं, जो अंगदान के लिए अभियान चलाते हैं। जश ओझा खेलते-खेलते ब्रेनडेड हो गया था। जिसके उपरांत पिता ने उसके अंग डॉनेट करने का फैसला लिया।
डॉक्टरों के मुताबिक, जश का दिल रूस के बच्चे के लिए वहीं, फेफड़े यूक्रेन के बच्चे में ट्रांसप्लांट किए गए हैं। रूस का वह बच्चा 4 वर्ष का है और यूक्रेन का बच्चा भी 4 वर्ष का है। देानों का ट्रांसप्लांट चेन्नई के अस्पताल में किया गया है। दोनों बच्चे फिलहाल अंडर ट्रीटमेंट हैं। सूरत में रहने वाले संजीव भाई ओझा के मुताबिक, उनका बेटा जश ओझा बीते बुधवार को एक पड़ोसी के घर पर खेल रहा था। इसी दौरान वह सीढ़ियों से गिरकर बेहोश हो गया था। वहां से जब उसे हॉस्पिटल ले गए तो उसका इलाज शुरू हुआ।
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अमृता हॉस्पिटल में पीडियाट्रिक इंटेंटसिविस्ट डॉ. स्नेहल देसाई, न्यूरो सर्जन डॉ. हसमुख सोजीत्रा और डॉ. कमलेश पारेख अादि ने उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन नहीं बच पाया। फिर उन्होंने बताया किया कि जश ब्रेन डेड हो चुका है। जिसके बाद पत्रकार पिता संजीव भाई ने बेटे के अंगदान का फैसला किया। उन्होंने अपनी पत्नी को भी इसके लिए मानसिक रूप से तैयार किया।
सबकुछ ठीक रहा। अंगदान के बाद अब जश के अंगों से 4 बच्चों को नया जीवन मिला है। बताया जा रहा है कि, जश की एक किडनी का ट्रांसप्लांट सुरेंद्रनगर की 13 वर्षीय बच्ची में हुआ। जबकि दूसरी किडनी सूरत की 17 वर्षीय बच्ची में ट्रांसप्लांट की गई है।