नित्यानंद ने आज लॉन्च कर दिया अपना बैंक, आखिर कैसी है उसकी करंसी और कहां चलाएगा उन्हें?
अहमदाबाद। कोरोना महामारी के कारण भारत के अधिकांश हिस्सों में इस बार गणेश चतुर्थी का जश्न नहीं मन रहा। वायरस के तेजी से फैलते संक्रमण की वजह से सार्वजनिक समारोहों व जुलूसों पर रोक लगी हुई है और हर साल होने वाले बड़े-बड़े आयोजन भी रद्द होते रहे हैं। लेकिन हमसे हजारों किलोमीटर दूर, इक्वाडोर के तट पर एक छोटे से द्वीप पर, संत के वस्त्र पहने तरह-तरह के आभूषणों से लदा हुआ बाबा-नित्यानंद अपने अनुयायियों के साथ जमकर जश्न मना रहा है। उसने ऐलान किया था कि, अपना देश बसाने के बाद इस गणेश चतुर्थी पर खुद की बैंक का भी शुभारंभ करेगा। अत: आज के दिन उसने "रिज़र्व बैंक ऑफ़ कैलासा" नाम से बैंक शुरू कर दी है।
नित्यानंद: संत का चोला और सबसे बड़े ई-नेशन का दावा
नित्यानंद का जिक्र आते ही लोग उसके द्वारा किए जा चुके चौंकाने वाले दावों पर हंसने लगते हैं। बिना सिर-पैर की बातें कर-करके वह यहां सालों तक सुर्खियों में रहा। संत के चोले में वह ऐसा चेहरा है, जिस पर युवतियों को बंधक बनाकर रखने, अपहरण व रेप के आरोप भी हैं। मूल रूप से तमिलनाडु के रहने वाले नित्यानंद के देश में अहमदाबाद और बेंगलुरू समेत कई बड़े शहरों में आश्रम चल रहे थे। जिनमें अनुयायियों से चंदा मांगा जाता था। साथ ही होस्टल ज्वॉइन करने वाले लड़के-लड़कियों से काम कराया जाता था। एक रोज जब अहमदाबाद स्थित उसके आश्रम से कई लड़कियां गायब हुईं तो नित्यानंद पर उंगली उठने लगीं। कर्नाटक की एक फैमिली ने नित्यानंद पर बेटियों को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने के आरोप लगाए। शिकायत किए जाने पर पुलिस व अदालत की कार्रवाई शुरू हो गई। मगर न तो नित्यानंद का ही कुछ पता चला और न ही 2 सगी बहनों का।
अक्टूबर-2019 में भारत छोड़कर भागा
अक्टूबर-2019 अहमदाबाद पुलिस के अधिकारी ने प्रेस कॉन्फ्रेस कर बताया कि, नित्यानंद आश्रम में नहीं है और न ही देश में कहीं उसका लोकेशन मिल रहा है। वह विदेश भाग गया है। उसी दौरान दो लड़कियों के वीडियो भी सामने आए। वीडियो में लड़कियों ने अपने पिता पर ही गंभीर आरोप लगाए। हाईकोर्ट ने कहा कि, कुछ कहना है तो कोर्ट में आकर हाजिर हों। लेकिन कोई नहीं पहुंचा। आॅनलाइन ही कुछ कागजातों की प्रक्रिया शुरू हुई। नवंबर-2019 में नित्यांनद ने कैरेबियाई देश इक्वाडोर के एक टापू पर अपना देश बसा लेने का दावा किया। जिसे उसने "कैलासा" नाम दिया। साथ ही उसने कहा कि, यहां अब हम ऐसा हिंदू राष्ट्र बनाएंगे, जिसमें कोई पाबंदी-सीमाएं नहीं होंगी। यह दुनिया का एकमात्र डिजिटल हिंदू राष्ट्र होगा। अपनी बैंक होगी, अपने नोट होंगे और अलग ही पहचान होगी।
अपना देश बनाने के दावे के बाद बैंक का जिक्र
अगस्त 2020 की शुरूआत से ही उसने अपने "रिज़र्व बैंक ऑफ़ कैलासा" के शुभारंभ की तैयारियां शुरू कर दीं। कहा कि, गणेश चतुर्थी पर 'हिंदू रिजर्व बैंक ऑफ कैलासा' लॉन्च की जाएगी। तब से आज 22 अगस्त का दिन है.. जब 50 से ज्यादा अदालती सुनवाइयों में न हाजिर होकर, वो (नित्यानंद) भारत से बाहर कहीं अपने किसी टापू पर 'एक प्रधानमंत्री की तरह' जश्न में डूबा हुआ है। सोशल मीडिया पर उसके कई सारे अकाउंट हैं, जिनके जरिए वह दुनिया को अपने मूवमेंट्स के बारे में जानकारी देता है।
ऐसे की बैंक-लॉन्चिंग की घोषणा
"रिज़र्व बैंक ऑफ़ कैलासा" को लेकर नित्यानंद के समर्थकों द्वारा फेसबुक के पेज (कैलासा एचडीएच नित्यानंद परमशिवम्) पर विस्तृत पोस्ट की गई। जिसमें नित्यानंद की तस्वीरों के साथ लिखा गया कि, "कैलासा" में गणेश चतुर्थी के शुभ अवसर पर 100 से अधिक पुस्तक, 360 आलेख व शोध पत्रों को प्रस्तुत किया गया। इसके अलावा अनुष्ठानिक रूप से कैलासा की नोट (करंसी) को भी जारी कर दिया गया है। इससे तीन दिन पहले, नित्यानंद ने एक वीडियो जारी कर तारीख की घोषणा की थी कि, गणेश चतुर्थी 22 अगस्त के मौके पर अपना "रिजर्व बैंक" लॉन्च होगा। जिसे "रिज़र्व बैंक ऑफ़ कैलासा" कहा जाएगा। जिसकी करंसी का पूरा विवरण "कैलासा" की वेबसाइट पर देखा जा सकेगा। सारी तैयारियां हो चुकी हैं।"
वेटिकन बैंक की तर्ज पर स्थापना
इसके
अलावा
नित्यानंद
ने
अपने
देश
और
अपनी
रिजर्व
बैंक
के
लिए
300
पेज
की
इकोनॉमिक
पॉलिसी
भी
तैयार
की।
अपनी
मुद्रा
के
बारे
में
बताया
कि,
यह
वेटिकन
बैंक
की
तर्ज
पर
होगी।
कहा
कि,
"हमारी
आर्थिक
नीति
के
तहत
आंतरिक
मुद्रा
विनिमय
और
बाहरी
मुद्रा
विनिमय
(विश्वभर
के
साथ
आदान-प्रदान)
कैसे
हो,
इसे
लेकर
भी
तैयारी
की
है।"
नित्यानंद
ने
कहा,
"रिज़र्व
बैंक
ऑफ़
कैलासा"
को
सुविधाजनक
बनाने
के
लिए,
एक
अन्य
देश
के
साथ
एमओयू
साइन
किया
गया
है,
जो
हमारे
रिजर्व
बैंक
की
मेजबानी
करेगा।
इस
दौरान
नित्यानंद
ने
सब
कुछ
वैध
और
कानूनी
रूप
से
स्थापित
होने
का
दावा
तो
किया,
लेकिन
उस
"अन्य
देश"
का
नाम
नहीं
बताया।
वेबसाइट पर बताई ऐसी बातें
अपनी मुद्रा के बारे में नित्यानंद ने तथाकथित राष्ट्र "कैलासा" की वेबसाइट www.kailaasa.org वेबसाइट पर जानकारी मौजूद रहने की बात कही। यह वेबसाइट उसके देश को सबसे बड़े डिजिटल हिंदू राष्ट्र के रूप में "एक प्रबुद्ध सभ्यता को पुनर्जीवित करने वाला" बताती है।
भगोड़ा नित्यानंद 'कैलासा' में अब खोलेगा खुद की बैंक, वीडियो जारी कर किए ऐसे-ऐसे दावे
2 बिलियन से ज्यादा आबादी का दावा
-
उसकी
वेबसाइट
के
मुताबिक,
कैलासा
एक
"ई-नेशन"
है।जिसकी
आबादी
100
मिलियन
आदि
शिवों
और
2
बिलियन
अभ्यास
करने
वालों
की
है।"
-
"कैलासा"
की
तीन
भाषाएं
हैं-
अंग्रेजी,
संस्कृत
और
तमिल।
नित्यानंद
का
यह
देश
को
हिंदू
धर्म
(संताना
धर्म)
को
अपना
राज्य
धर्म
मानता
है।
-
जातीय
समूहों
के
संबंध
में,
वेबसाइट
का
कहना
है
कि
यह
देश
दक्षिण
एशिया
में
"56
मूल
वैदिक
देशों
के
साथ-साथ
एक
वैश्विक
हिंदू
प्रवासियों
का
स्थल
है।
-
कैलासा
में
एक
राष्ट्र
ध्वज,
एक
प्रतीक
चिन्ह,
एक
राष्ट्रीय
पशु
(नंदी-
हिंदुओं
में
पवित्र
माना
जाने
वाला
एक
बैल)
और
एक
राष्ट्रीय
फूल
(कमल)
है।