गुजरात में नई टूरिज्म पॉलिसी की हुई घोषणा, इन पर्यटन स्थलों को रखा गया उच्च प्राथमिकता की लिस्ट में
गांधीनगर। New tourism Policy in Gujarat गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने राज्य में टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए नई टूरिज्म पॉलिसी की घोषणा की है। ये पॉलिसी 2025 तक के लिए राज्य में लागू रहेगी। इस पॉलिसी को राज्य के "उच्च प्राथमिकता वाले पर्यटन केंद्रों" में नए निवेश के लिए लाया गया है। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा है कि हम इस समय वर्ल्ड लेवल के पर्यटन पर अधिक महत्व देना चाहते हैं और मुझे विश्वास है कि इस नीति के चलते गुजरात का टूरिज्म वर्ल्ड लेवल के टूरिज्म के लिए एक विकल्प होगा।
राज्य के ये पर्यटन स्थल हैं सरकार की प्राथमिकता पर
नई पॉलिसी नीति में होटल, मनोरंजन पार्क, सम्मेलन कक्ष आदि के निर्माण पर निवेशकों को निवेश सब्सिडी जैसे आकर्षित करने वाले प्रावधान भी रखे गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी जगहों पर निर्मित की जाने वाली होटल और रिजॉर्ट जैसी परियोजनाओं के लिए निवेश पर सब्सिडी और अन्य प्रोत्साहनों के प्रावधान होंगे। कच्छ, देवभूमि-द्वारका, नर्मदा, गीर-सोमनाथ, पोरबंदर, जूनागढ़ और दांग जिले जैसे कुछ स्थानों को पर्यटन सुविधाओं के विकास की दृष्टि से प्राथमिकता वाले इलाकों में रखा गया है।
उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर सरकार का ध्यान होगा सबसे ज्यादा
मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने कहा है कि पूरे प्रदेश में सबसे पहले हमारा ध्यान उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर है। प्रोत्साहन वहां दिया जाएगा जहां इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है। इसमें होटल निर्माण पर 20 प्रतिशत तक निवेश सब्सिडी का प्रावधान करने की घोषणा है। इसके लिए जमीन की लागत छोड़ कम से कम एक करोड़ निवेश करना होगा।