गुजरात: किसानों के लिए कैसे वरदान साबित हुई 'मुख्यमंत्री किसान सहाय योजना' ? जानिए
गांधीनगर, 4 जून: गुजरात सरकार किसानों की सहायता के लिए 'मुख्यमंत्री किसान सहाय योजना' चला रही है। इस योजना ने बहुत ही कम समय में प्रदेश के 53 लाख से अधिक किसानों को ऐसे समय में राहत पहुंचाई है, जब उन्हें लग रहा था कि उनका सब कुछ बर्बाद हो जाएगा। इस योजना के तहत गुजरात सरकार किसानों के प्राकृतिक आपदाओं या जलवायु परिवर्तन की वजह से फसलों को हुए नुकसान की भरपाई करती है। इस योजना के लाभार्थियों का कहना है कि उन्हें बिना किसी परेशानी के जिस तरह से लाभ मिला है, वह बहुत ही महत्वपूर्ण है। क्योंकि, यह पूरी तरह से पारदर्शी योजना है, जिसमें कोई बिचौलिया नहीं है और ना ही कोई दूसरी एजेंसी। सीधे जिला कलेक्टर के स्तर पर यह संचालित की जा रही है।

गुजरात
के
53
लाख
से
ज्यादा
किसानों
को
मिला
लाभ
गुजरात
में
53
लाख
से
ज्यादा
किसानों
को
'मुख्यमंत्री
किसान
सहाय
योजना'
का
सीधा
लाभ
मिल
चुका
है।
इस
योजना
के
तहत
किसानों
को
60%
तक
नुकसान
की
भरपाई
सरकार
करती
है।
अगर
60%
से
ज्यादा
फसल
को
नुकसान
पहुंचता
है
तो
25,000
रुपये
प्रति
हेक्टेयर
की
दर
से
मुआवजा
उपलब्ध
करवाई
जाती
है।
नुकसान
के
आकलन
में
पारदर्शिता
बनी
रहे,
इसके
लिए
इस
योजना
में
यह
सुनिश्चित
किया
गया
है
कि
जिला
कलेक्टर
खुद
से
प्रभावित
किसानों
की
एक
लिस्ट
तैयार
करेंगे।
इसके
लिए
वह
सर्वे
करते
हैं
और
फिर
सरकार
को
लिस्ट
भेजते
हैं।
सीधे
लाभार्थियों
तक
पहुंचती
है
सहायता
राशि
गुजरात
के
इस
लोकप्रिय
किसान
कल्याण
स्कीम
यानी
'मुख्यमंत्री
किसान
सहाय
योजना'
के
बारे
में
कृषि
पदाधिकारी
एमडी
वाघेला
का
कहना
है,
क्योंकि राज्य सरकार की इस मुख्यमंत्री किसान सहाय योजना में कोई एजेंसी नहीं है, इसलिए सहायता राशि सीधे किसान लाभार्थियों को दी जाती है। पुरानी योजना में बीमा कंपनियां सहायता देने में आनाकानी करती थीं, जिससे किसान सहायता से वंचित रह जाते थे
मुआवजे
के
लिए
किसी
दफ्तर
जाने
की
जरूरत
नहीं-लाभार्थी
इस
योजना
के
बारे
में
एक
किसान
लाभार्थी
दिनेश
भाई
कहते
हैं,
साल 2021 में ऑनलाइन किसान पोर्टल पर जरूरी दस्तावेजों के साथ आवेदन देने के बाद सहायता की राशि सीधे बैंक में जमा की गई और सहायता मंजूर कराने के लिए किसी सरकारी दफ्तर के चक्कर काटने की आवश्यकता नहीं पड़ी
जाहिर है कि यह योजना गुजरात के किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। प्रदेश सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए बहुत ज्यादा फंड आवंटित कर रखे हैं। यह योजना मूलत: एक नई फसल बीमा योजना है। दरअसल, राज्य के किसानों को खासकर खरीफ के मौसम में बारिश की अनियमितता से बहुत ज्यादा फसलों का नुकसान झेलना पड़ता था। लेकिन, इस योजना के माध्यम से किसानों के पीछे राज्य सरकार खड़ी हो गई है। अगर अन्नदाताओं के फसलों को प्राकृतिक संकट की वजह से क्षति पहुंचती है तो सरकार उन्हें वित्तीय सहायता मुहैया करवाती है। फसलों को होने वाले नुकसान के दायरे में बाढ़, अनियमित बारिश और बाकी दूसरी चीजें, जिनकी वजह से फसल खराब होती हैं, उन सबको शामिल किया जाता है।
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हालांकि, इस योजना के अलावा प्राकृतिक आपदा की स्थिति में राज्य के किसान स्टेट डिजास्टर रेस्पॉन्स फंड के तहत भी अतिरिक्त मुआवजे के हकदार हो सकते हैं।