‘भगोड़े’ नित्यानंद के अपना देश बसाने की पुष्टि नहीं, MEA ने कहा- हमें प्रत्यर्पण के लिए कोई रिक्वस्ट नहीं मिली
नई
दिल्ली/अहमदाबाद.
युवतियों
को
बंधक
बनाने
और
दुष्कर्म
के
आराेपाें
में
देश
से
फरार
विवादास्पद
गुरू
नित्यानंद
स्वामी
द.
अमेरिका
महाद्वीप
में
रह
रहा
है।
मीडिया
रिपोर्ट्स
के
अनुसार,
उसने
त्रिनिदाद
एंड
टाेबैगाे
के
पास
इक्वाडोर
से
टापू
खरीद
लिया
है।
उसकी
संस्था
द्वारा
उस
टापू
की
जमीन
पर
अपना
एक
नया
देश
बसाने
का
दावा
किया
जा
रहा
है।
उसकी
Kailaasa.org
वेबसाइट
पर
इसे
लेकर
विस्तृत
जानकारी
भी
दी
गई
है।
जिसमें
नित्यानंद
ने
अपने
देश
का
नाम
'कैलासा'
रखा।
साथ
ही
राष्ट्रध्वज,
पासपोर्ट
एवं
राष्ट्रीय
फूल
भी
घोषित
कर
दिया
है।
इस
तरह
खुद
को
भगवान
बताने
वाले
नित्यानंद
ने
'कैलासा'
नाम
का
स्वतंत्र
देश
स्थापित
किए
जाने
के
दावे
किए
हैं।
मगर,
उसके
इन
दावों
की
न
तो
यूएन
की
ओर
से
कोई
पुष्टि
की
गई
है
और
न
ही
भारतीय
विदेश
मंत्रालय
मान
रहा
है
कि
ऐसा
कुछ
हुआ
है।
नित्यानंद
के
खिलाफ
केस
दर्ज
होने
के
बाद
से
ही
पुलिस-प्रशासन
उसे
खोजने
में
लगे
थे,
तभी
पता
चला
कि
नित्यानंद
तो
देश
से
भाग
चुका
है।
उसके
विदेश
जाने
या
न
जाने
को
लेकर
जब
पत्रकारों
द्वारा
भारतीय
विदेश
मंत्रालय
से
जानकारी
मांगी
गई,
तो
कहा
गया
कि
इसकी
पुष्टि
नहीं
कर
सकते
कि
नित्यानंद
कहां
पर
है।
मंत्रालय
के
प्रवक्ता
का
कहना
है
कि
हमें
अभी
नित्यानंद
के
प्रत्यर्पण
के
लिए
कोई
अनुरोध
नहीं
मिला
है।
वहीं,
अब
गुजरात
पुलिस
ने
इंटरपोल
की
मदद
लेने
की
बात
कही
है।
पुलिस
पहले
ही
कह
चुकी
है
कि
नित्यानंद
'त्रिनिदाद
एंड
टाेबैगाे'
में
हो
सकता
है,
क्योंकि
पिछले
दिनों
उसके
साथ
की
2
लड़कियों
की
लोकेशन
वहां
ट्रैस
हुई
थी।
ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी करेगी गुजरात पुलिस
गुजरात पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस नित्यानंद का पता लगाने के लिए इंटरपोल से 'ब्लू कॉर्नर नोटिस' की मांगी करेगी। अहमदाबाद ग्रामीण पुलिस ने इस संबंध में गुरुवार को राज्य आपराधिक जांच विभाग (CID) को एक पत्र भेजा, जिसमें नित्यानंद के खिलाफ अपहरण, बच्चों को बंधक बनाने एवं युवतियों को भगा ले जाने जैसे आरोपों की जांच का जिक्र है। बता दें कि, नित्यानंद के खिलाफ यदि ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी हुआ था, उन देशों से संपर्क किया जाएगा जहां नित्यानंद हो सकता है। समझौते के तहत ब्लू कॉर्नर नोटिस सदस्य देश किसी अपराधी के ठिकाने पर कार्रवाई कराने के लिए बाध्य हो जाते हैं।
इधर, फ्रांसिसी सरकार ने भी धोखाधड़ी की जांच शुरू की
वहीं, अब फ्रांसिसी अधिकारियों द्वारा भी अब स्वामी नित्यानंद और उससे जुड़े लोगों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। फ्रांस द्वारा 400,000 यूएस डॉलर की कथित धोखाधड़ी मामले में जांच की जा रही है। फ्रांसिसी अधिकारी ने बताया कि नित्यानंद पर उसी के एक पूर्व अनुयायी ने नित्यानंद पर 400,000 अमेरिकी डॉलर की धोखाधड़ी के आरोप लगाए हैं।
दो लड़कियों के लापता होने के बाद शुरू हुई थी कार्रवाई
पिछले महीने अहमदाबाद में योगी सर्वज्ञपीठम में उनके आश्रम से दो लड़कियों के लापता होने के बाद, उन लड़कियों के पिता ने नित्यानंद के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। उसके अलावा नित्यानंद पर अपने आश्रम को चलाने के लिए चंदा इकट्ठा करने हेतु बच्चों के अपहरण किए जाने के आरोप लगे। पुलिस की जांच-पड़ताल में खुलासा हुआ कि नित्यानंद के आश्रम में बच्चों को बंधक बनाकर काम कराया जाता था। पढ़ाई की आड़ में वे बच्चे उसके लिए चंदा एकत्रित किया करते थे।
नित्यानंद का पक्ष लेते हुए 'लापता' युवती ने कहा- अपहरण नहीं हुआ
नवंबर
के
आखिरी
हफ्ते
में
पुलिस
ने
नित्यानंद
के
अहमदाबाद
स्थित
आश्रम
पर
छापे
मारे
थे।
जहां
से
उसकी
2
संचालिकाओं
साध्वी
प्राण
प्रियानंद
और
प्रियातत्व
रिद्धि
किरण
को
गिरफ्तार
कर
लिया
गया।
इस
बीच
जिन
युवतियों
का
अपहरण
होने
की
चर्चा
हुई,
उनका
वीडियो
सामने
आ
गया।
उस
वीडियो
में
उन्होंने
अपने
ही
परिजनों
के
खिलाफ
गंभीर
आरोप
लगाए।
उनमें
से
तत्वप्रिया
नामक
एक
युवती
ने
कहा,
'हमारा
अपहरण
नहीं
हुआ,
हम
यहां
खुश
हैं।'
उस
युवती
का
वीडियो
तो
सामने
आ
गया,
लेकिन
वह
थी
कहां?
इसकी
जानकारी
पुलिस
को
ज्यादा
नहीं
मिल
पाई
है।
बहरहाल,
स्काइप
के
जरिए
जब
संपर्क
करने
की
कोशिश
की
गई
तो
एक
युवती
की
लोकेशन
कैरीबियाई
देश
त्रिनिदाद
एंड
टोबेगो
में
ट्रेस
हुई।
जिसके
बाद
आशंका
जताई
गई
कि
नित्यानंद
देश
में
नहीं,
बल्कि
त्रिनिदाद
एंड
टोबेगो
में
ही
उन
लड़कियों
के
पास
है।
वे
लड़कियां
एक-दूजी
की
बहनें
हैं।
वे
नित्यानंद
की
भक्त
हैं
और
नित्यानंद
पर
उन्हें
भगा
ले
जाने
के
आरोप
हैं।
दोनों बहनें सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट में हाजिर नहीं हुईं
पिछले दिनों उन दोनों युवतियों ने अपना एक नया वीडियो जारी किया। जिसमें उन्होंने कहा था कि वे भारत लौट सकती हैं, लेकिन कुछ शर्तें माननी होंगी। उन्होंने कहा कि वे कोर्ट में पेश होंगी, लेकिन कोई उन्हें नहीं पकड़ेगा। मगर, फिर भी वे मंगलवार को गुजरात हाईकोर्ट में उनके बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की सुनवाई के दौरान हाजिर नहीं हुईं।
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