महात्मा गांधी की पाैत्रवधू शिवालक्ष्मी का 94 साल की आयु में देहान्त, ये है उनका पूरा कुनबा
सूरत। गुजरात के सूरत स्थित भीराड में रह रहीं महात्मा गांधी की पाैत्रवधू शिवालक्ष्मी का देहान्त हो गया है। वह 94 साल की थीं। ग्लोबल हॉस्पिटल में शुक्रवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। सूरत में वह भारती मैया आनंदधाम में रहती थीं। वह सालों तक विदेश में रहीं। 2013 में भारत आई थीं।
दस्तावेजों
के
अनुसार,
गांधीजी
के
तीसरे
बेटे
रामदास
की
तीन
संतानें
थीं।
दो
बेटियों
सुमित्रा
बेन
और
उषा
बेन
के
बाद
एक
बेटे
का
नाम
कनुभाई
था।
कनुभाई
की
शादी
शिवालक्ष्मी
के
साथ
हुई
थी।कनुभाई
शिवालक्ष्मी
के
साथ
वर्ष
2013
में
भारत
आए
थे।
उनके
कोई
संतान
नहीं
थी।
शुरुआत
में
वे
दिल्ली,
बेंगलोर
और
मरोेली
आश्रम
में
रहे।
उसके
बाद
2014
में
सूरत
आकर
बस
गए।
अपने
जीवन
के
आखिरी
बरसों
में
वे
भारती
मैया
आनंदधाम
वृद्धाश्रम
में
रह
रहे
थे।
ग्लोबल
हॉस्पिटल
की
ओर
से
बताया
गया
कि,
शिवालक्ष्मी
काफी
समय
से
बीमार
थीं।
उनकी
हालत
तब
ज्यादा
खराब
हुई,
जब
वह
वे
घर
पर
गिर
गई
थीं।
कुछ
ऐसा
था
गांधी
जी
का
परिवार
गांधी
जी
अपने
परिवार
में
सबसे
छोटे
थे।
उनकी
एक
बड़ी
बहन
रलियत
और
दो
बड़े
भाई
लक्ष्मीदास
और
कृष्णदास
थे।
साथ
ही
दो
भाभियां
नंद
कुंवरबेन,
गंगा
भी
थीं।
गांधी
जी
के
परिवार
में
4
बेटे
और
13
पोते-पोतियां
हैं।
एक
पोर्टल
की
रिपोर्ट
के
मुताबिक,
उनके
पोते-पोतियां
और
उनके
154
वंशज
आज
6
देशों
में
रह
रहे
हैं।
वे
देश
हैं-
भारत,
दक्षिण
अफ्रीका,
इंग्लैंड,
कनाडा,
अमेरिका
और
ऑस्ट्रेलिया।
पीढ़ी
में
बेटों
से
ज्यादा
बेटियों
की
संख्या
बापू
के
पोते-पोतियों
में
12
चिकित्सक,
12
प्रोफेसर,
5
इंजीनियर,
4
वकील,
3
पत्रकार,
2
आईएएस,
1
वैज्ञानिक,
1
चार्टड
एकाउंटेंट,
5
निजी
कंपनियों
मे
अच्छे
पदों
पर
काम
कर
रहे
हैं।
साथ
ही
इस
परिवार
में
4
पीएचडी
धारक
भी
हैं।
कुनबे
में
लड़कों
की
तुलना
में
लड़कियों
की
संख्या
ज्यादा
है।
रोचक
बात
यह
भी
है
कि,
गांधीजी
की
खुद
कोई
बेटी
नहीं
थी।
इस
बात
का
उन्हें
अफसोस
भी
रहा।
लेकिन
उनकी
पीढ़ी
में
बेटों
से
ज्यादा
बेटियों
की
संख्या
रही
है।
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