सूरत: 17 साल की खुशी चिंदलिया संयुक्त राष्ट्र के UNEP की एंबेसडर, प्रकृति से प्यार ने दिलाया ये सम्मान
सूरत। यहां की रहने वाली 17 वर्षीय ख़ुशी चिंदलिया संयुक्त राष्ट्र में भारत के लिए यूएनईपी की क्षेत्रीय राजदूत नियुक्त की गई है। पर्यावरण के प्रति प्यार और लगाव के चलते कम उम्र में ही खुशी को यह बड़ी उपलब्धि हासिल हुई।
यह बोलीं खुशी चिंदलिया
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) - 'तुंजा इको जेनरेशन' की ग्रीन एंबेसडर चुने पर ख़ुशी जताते हुए ख़ुशी चिंदलिया ने कहा कि, मैंने अपने होमटाउन के चारों ओर फैली हरियाली को सूखा पड़ते देखकर प्रकृति को बचाने के उपाय खोजने शुरू कर किए थे। बकौल ख़ुशी चिंदलिया, "जब मैं और मेरा परिवार शहर में नए घर में शिफ्ट हुए, तो मुझे चारों तरफ हरियाली दिखाई देती थी। मेरे घर के पास चीकू के पेड़ों ने कई पक्षियों को रहने की जगह दी और हम पूरी तरह प्रकृति से घिरे हुए थे, लेकिन जैसे-जैसे मैं बड़ी होती गई तो मैंने हरियाली को ठोस जंगलों में बदलते देखा और तब मुझे महसूस हुआ कि मेरी छोटी बहन प्रकृति की सुंदरता का आनंद नहीं ले पाएगी जैसा मैंने बचपन में लिया था। यह वो पल था जब मैं प्रकृति के बारे में अधिक जागरूक हो गई और मैंने अपने आसपास के पर्यावरण की रक्षा करने के तरीकों को तलाश करना शुरू कर दिया।"
मां ने कहा-
खुशी की मां बिनिता भी बोलीं, "जब हमारे घर के पास काफी हरियाली थी, तो पक्षियों और जानवरों की कई प्रजातियां आती थीं। मेरी बेटी ख़ुशी हमेशा अपनी छोटी बहन के साथ बालकनी से उन्हें देखने जाती थी। दोनों काफी खुश होती थीं। क्योंकि, मैंने बच्चों को हमेशा पर्यावरण के प्रति जागरूक रहने और पर्यावरण को स्वच्छ रखने की सीख दी, तो यही उन्होंने सीखा-समझा। अब मुझे बहुत गर्व है कि ख़ुशी को इतनी बड़ी ज़िम्मेदारी दी गई है।"
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आखिर कैसे मिला यह सम्मान?
भारत के लिए 'ग्रीन एंबेसडर' नियुक्त होने के बाद अब ख़ुशी को पर्यावरण की सुरक्षा के बारे में जागरूकता फैलाने और पर्यावरण संरक्षण में भारत के योगदान पर चर्चा करने का मौका मिलेगा। उनको दुनिया भर के अन्य राजदूतों के साथ इस विषय पर चर्चा करने का अवसर भी मिलेगा। वह खुद भी संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम-तुंजा इको जेनरेशन के लिए स्पीच दिया करेंगी। यह सम्मान 17 वर्षीय खुशी को आज इसलिए मिला है, क्योंकि वह प्रकृति और पर्यावरण को सुरक्षित रखने की इच्छा और कोशिशों में पीछे नहीं रहीं।