कोरोनावायरस: चीन से भारत लाए गए स्टूडेंट्स बोले- शुरूआत में इसे गंभीरता से नहीं लिया..
वडोदरा. कोरोनावायरस के प्रकोप के चलते चीन में 2345 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकीं हैं। जबकि, 76,288 लोगों में इस वायरस की पुष्टि हुई है। वहीं, अब तक संक्रमित 20,659 लोगों को अस्पताल से घर जाने की अनुमति दी गई है। चीन से बाहर भी यह वायरस अब तक कई देशों में सैकड़ों लोगों की जान ले चुका है। चीन के प्रभावित इलाकों से भारत लौट रहे छात्रों का कहना है कि, लापरवाही की वजह से वायरसरूपी यह महामारी ज्यादा फैली। यदि शुरूआत में ही इसकी रोकथाम पर जोर दिया गया होता, तो आज यह हालत नहीं होते।
वुहान से भारत लाए गए गुजराती छात्रों ने चीन के हाल बताए
चीन में हुबेई एवं उसकी राजधानी वुहान से भारत लाए गए गुजरात के दो छात्रों श्रेया जयमन (18) और वृंद पटेल (19) ने आपबीती सुनाई। दोनों ने वडोदरा में कहा कि, उन लोगों ने शुरुआत में इस महामारी को गंभीरता से नहीं लिया था। हम वहां चिकित्सा की पढ़ाई कर रहे थे। हमने भी महामारी को हल्के में लिया। स्थिति की गंभीरता का अंदाजा जनवरी के मध्य में जाकर लगा, तब तक हजारों लोग घरों में मानो कैद हो गए थे। चीनी सरकार ने कई शहरों को लॉकडाउन कर दिया। ऐसे में कमरे से बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया।'
17 दिनों तक हमें दिल्ली में निगरानी में रखा गया
श्रेया जयमन और वृंद ने आगे कहा, 'हम दोनों सहपाठी हैं और उन सैकड़ों भारतीयों में शामिल थे, जिन्हें पिछले महीने वुहान से हवाई जहाज से भारत लाया गया था। चीन से वापस आने पर हमें दिल्ली में आईटीबीपी के शिविर में 17 दिनों तक रखा गया, जहां से वे अब वडोदरा स्थित अपने घर आए हैं। वुहान से हमें सुरक्षित निकालने के लिए हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर को धन्यवाद देते हैं।'
कोरोनावायरस का कहर: चीन से अब तक लौटे 700 से ज्यादा गुजराती, राज्य में एक भी पॉजीटिव केस नहीं मिला
'नोवेल कोरोनावायरस (कोविड-19)' से हो रहीं मौत
मालूम हो कि, चीन में कोरोनावायरस का पहला केस दिसंबर के अंत में सामने आया था। इससे अब तक हालात सामान्य नहीं हो पाए हैं। इस वायरस का घातक, स्वरूप 'नोवेल कोरोनावायरस (कोविड-19)' है, जो कि चीन से फैला। इसी की वजह से चीन में 2345 मौत हो चुकी हैं। बीते शुक्रवार को 109 लोगों की मौत हुई और 397 नए मामले सामने आए। ऐसे में डब्ल्यूएचओ की 12 सदस्यीय टीम चीन पहुंची है, जो कुछ मरीजों की जांच करेगी। टीम यह भी पता करेगी कि वायरस आखिर कैसे फैला। यह टीम वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित वुहान का दौरा भी करेगी।
कोरोनावायरस: चीन में 55 दिनों से फंसे प्रोफेसर आशीष यादव पत्नी संग लौटेंगे भारत, अनुमति मिली