गुजरात के फौजी इमरान अरुणाचल में शहीद, नम आंखों से पिता बोले- देश पर मर-मिटने के लिए अभी और बेटे हैं
जूनागढ़। भारतीय सेना में 13 साल से सेवा दे रहे गुजरात के एक सैनिक की अरुणाचल प्रदेश में गश्ती के दौरान जान चली गई। वहां वे गहरी खाई में गिरे थे। उनकी मृत्यु होने पर अन्य जवानों ने सूचना बड़े अधिकारियों को दी। जिसके बाद गुजरात में गिर सोमनाथ जिले के तालाला गिर स्थित उनके घरवालों को जानकारी दी गई। ये सैनिक थे- इमरान कालुभाई सायली (30)। बताया जा रहा है कि, अरुणाचल प्रदेश में उनके साथ हादसा मंगलवार को हुआ था, तब वह साथी समेत बॉर्डर की पेट्रोलिंग कर रहे थे।
अरुणाचल से हेलिकॉप्टर से जूनागढ़ लाए गए
अब गुजरात में उन्हें सुपुर्द ए खाक किया गया है। बीते बुधवार को इमरान कालुभाई सायली का शव भारतीय वायु सेना के हेलिकॉप्टर से जूनागढ़ लाया गया था। वहां से सेना के एक वाहन के जरिए सडक़ मार्ग से होते हुए उनके निवास स्थल तालाला गिर पहुंचाया गया। इस दौरान शहीद इमरान को देखने रास्ते भर में लोग उमड़े। वहीं, तालाला गिर गांव पहुंचने पर बड़ी संख्या में लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। शहीद के परिजनों को जूनागढ़ जिला पूर्व सैनिक संघ की ओर से भी सांत्वना दी गई।
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13 साल से थे फौज में
इस दौरान इमरान कालुभाई सायली के पिता कालुभाई ने बेटे को याद किया। पिता कालुभाई ने बताया- इमरान पिछले 13 वर्ष से भारतीय सेना की रेजिमेंट में कार्यरत थे। गुजराती भाषा में वे बोले कि, 'हजु पण देश माटे मरी मिटवा मारा दीकराओ छे।' यानी अभी भी देश के लिए मर मिटने के लिए और बेटे हैं। उनके अन्य परिजनों ने भी उन्हें इस तरह याद किया। उसके बाद शहीद इमरान का जनाजा निकाला गया।
जनाजे में लगी लोगों की लंबी लाइन
उन्हें अंतिम विदाई देने बड़ी संख्या में लोग आए। लोगों ने भारत माता की जय के नारे लगाए। इसके अलावा उनके सम्मान में तालाला गिर गांव के व्यापारियों ने अपना काम-धंधा भी बंद रखा। जिस वक्त इमरान को हेलिकॉप्टर से जूनागढ़ लाया गया, जब वहां लोगों को काफी हुजूम उमड़ा। हालांकि, इस दरम्यान सोशल डिस्टेंस भी बना रहा। कोविड की गाइडलाइंस फॉलो की गईं।