भारत के पहले देशी टेक्नोलॉजी वाले काकरापार परमाणु संयंत्र में बिजली उत्पादन शुरू, जल्द पहुंचेगी घरों तक
सूरत। भारत के पहले देशी टेक्नोलॉजी वाले काकरापार परमाणु संयंत्र में बिजली उत्पादन शुरू हो गया है। परमाणु संयंत्र की यह तीसरी इकाई है, जिसकी क्षमता 700 मेगावाट की है। इस रिएक्टर में लगे उपकरण भारत में बनाए गए हैं। हालांकि, रिएक्टर की डिजाइन और सुरक्षा विश्वस्तर पर की गई है। यह परमाणु संयंत्र देश का 23वां एटमिक रिएक्टर है, जिसमें बिजली उत्पादन शुरू हुआ है। अब यहां पैदा होने वाली बिजली जल्द ही लोगों के घरों तक पहुंचाई जा सकती है।
बता दिया जाए कि, वर्षों की मेहनत से इस परमाणु रिएक्टर का निर्माण हुआ था। सूरत के पास स्थित काकरापार संयत्र यानी कि, मेगावाट रिएक्टर भारतीय वैज्ञानिकों और इंजीनियरों द्वारा ही बनाया गया है। एक अधिकारी ने कहा कि, काकरापार परमाणु संयंत्र में बने नए कंट्रोल रूम में जबसे ग्रिड को जोड़ा गया है, तब से यहां के कर्मचारियों में खुशी व्याप्त है। परमाणु संयंत्र के CMD एस शर्मा ने बताया कि यह एक ऐतिहासिक क्षण है। इस परमाणु संयंत्र में मार्च 2020 में एक रिएक्टर में यूरेनियम फ्यूल भरने का काम शुरू किया गया था। लॉकडाउन के दिनों भी यह जारी रखा गया।
सरकार ने की नई पर्यटन नीति 2021 की घोषणा, हवाई अड्डों पर होंगे गुजरात पर्यटन डेस्क
7
परमाणु
रिएक्टर
पर
चल
रहा
काम
देश
में
7
परमाणु
रिएक्टर
पर
काम
चल
रहा
है।
राजस्थान
के
परमाणु
बिजलीघर
में
700
मेगावाट,
कुडनकुमल
परमाणु
रिएक्टर
में
1000
मेगावाट
और
गोरखपुर,
हरियाणा
के
हिसार
परमाणु
रिएक्टर
की
दो
इकाइयों
में
700
मेगावाट
का
निर्माण
हो
रहा
है।
यह
संयंत्र
गुजरात
के
व्यारा
नगर
के
समीप
स्थित
है।
अधिकारियों
ने
बताया
कि,
700-700
मेगावाट
की
दोनों
इकाइयों
की
लागत
16,500
करोड़
रुपए
आई।