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देश की पहली बुलेट ट्रेन का रूट क्लीयर, L&T बनाएगी 237 KM हाई स्पीड कॉरिडोर, यह अब तक का सबसे बड़ा सिंगल आर्डर

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अहमदाबाद। मुंबई से अहमदाबाद के बीच चलने वाली देश की पहली बुलेट ट्रेन का वडोदरा-सूरत-वापी रूट का ठेका लार्सन एंड टुब्रो (L&T) को सौंप दिया गया है। यह देश का अब तक का सबसे बड़ा सिंगल आर्डर (अनुबंध) माना जा रहा है। लार्सन एंड टुब्रो ने 24000 करोड़ का यह आर्डर मिलने के बाद कहा है कि हमने बुलेट ट्रेन के 46% हिस्से का काम 4 साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इसी साल के अंत तक काम शुरू किया जा सकता है। जिसमें उसके द्वारा वडोदरा से वापी रूट पर एलिवेटेड पुल, स्टेशन, रिवर ब्रिज और डिपो तैयार किए जाने हैं।

बुलेट ट्रेन के रूट का यह सबसे बड़ा सिंगल आर्डर

बुलेट ट्रेन के रूट का यह सबसे बड़ा सिंगल आर्डर

बता दें कि, इससे पहले नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन (एनएचएसआरसीएल) ने बीते 19 अक्टूबर को फाइनेंशियल बिड खोली थी। जिसमें लार्सन एंड टुब्रो ने सबसे कम खर्च की बोली लगाई थी। इस फाइनेंशियल बिड में 3 बड़ी इंफ्रा कंपनियां शामिल हुई थीं। 10 दिन तक चली मूल्यांकन प्रक्रिया के बाद यह ठेका लार्सन एंड टुब्रो ने प्राप्त कर लिया। जिसके बारे में बताते हुए मुख्य कार्यकारी अधिकारी व प्रबंध निदेशक एसएन सुब्रमणियम ने कहा कि, सरकार की ओर से अब तक सबसे प्रतिष्ठित अनुबंध हमें हासिल हुआ है। हम अगले 4 वर्षों में अपना काम पूरा करेंगे।' उन्होंने बताया कि, इस समयावधि में बुलेट ट्रेन के 237 किमी हिस्से का निर्माण किया जाएगा।

सितंबर में जारी हुई थी तकनीक-बिड

सितंबर में जारी हुई थी तकनीक-बिड

एनएचएसआरसी ने इस प्रोजेक्ट के सबसे बड़े 47% हिस्से के वापी-बिलिमोरा-सूरत और वडोदरा के बीच 237 किमी कॉरिडोर बनाने की तकनीकी बिड 23 सितंबर को जारी की थी। इससे पहले एनएचएसआरसीएल ने इसके निर्माण के लिए मार्च 2019 में टेंडर जारी किया था। 23 सितंबर 2020 में इसकी टेक्निकल बिड खोली थी। तीन कंपनियां फाइनेंशियल बिड में शामिल हुईं थीं। लार्सन एंड टुब्रो (L&T) उन्हीं में से एक थी। यह वही कंपनी है, जिसने दुनिया की सबसे उूंची मूर्ति स्टैच्यू आॅफ यूनिटी बनवाई थी। देश के कई अन्य बड़े प्रोजेक्ट भी इसके पास हैं।

सबसे बड़ी बाधा जमीन अधिग्रहण का काम भी काफी हुआ

सबसे बड़ी बाधा जमीन अधिग्रहण का काम भी काफी हुआ

इधर, नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन (एनएचएसआरसीएल) के अधिकारियों का कहना है कि, बुलेट ट्रेन के रूट में सबसे बड़ी बाधा जमीन अधिग्रहण का काम अब 82 प्रतिशत पूरा हो चुका है। बाकी बची जमीन के अधिग्रहण का काम भी तेजी से किया जा रहा है। सूरत के 28 गांव में से 25 गांव के लोगों ने अपनी जमीन दे दी है। अब कामरेज तहसील के 3 गांव बचे हैं। इन गांवों के 18 में से 15 ब्लाॅक के मालिक मुआवजे को लेकर सहमत नहीं हो रहे हैं। कम मुआवजे की बात कहते हुए कुछ और इलाकों के भी किसान अभी अपनी जमीन छोड़ने को तैयार नहीं हैं। हालांकि, नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन के अधिकारियों का मानना है कि, भूमि अधिग्रहण समय से पूरा हो जाएगा।

508 किमी का है हाई स्पीड रेल का पूरा प्रोजेक्ट

508 किमी का है हाई स्पीड रेल का पूरा प्रोजेक्ट

मुंबई से अहमदाबाद के बीच चलने वाली देश की पहली सेमी-हाई स्पीड बुलेट ट्रेन का कुल रूट 508 किमी लंबा है। इस 508 किमी के हाई स्पीड रेल कॉरिडोर का 155 किमी रूट महाराष्ट्र में, 4.3 किमी रूट यूनियन टेरेटरी दादरा नगर हवेली में और 348 किमी हिस्सा गुजरात में है। अधिकारियों के मुताबिक, पैकेज सी 4 यानी वडोदरा-सूरत-वापी तक परियोजना का 46.66% हिस्सा है। इसी हिस्से का काम अब लार्सन एंड टुब्रो (L&T) पूरा करेगी। उसके द्वारा यहां एलिवेटेड मार्ग, नदियों पर ब्रिज, सूरत डिपो एवं अन्य इंजीनियरिंग कार्य भी होंगे।

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कितने स्टेशन बनेंगे पहली बुलेट ट्रेन के?

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एनएचएसआरसी के इस प्रोजेक्ट में कुल 12 स्टेशन बनेंगे। एनएचआरसीएल के मैनेजिंग डायरेक्टर अचल खरे के मुताबिक, रूट पर देश की पहली हाईस्पीड ट्रेन 2023 के अंत तक दौड़ सकती है। इस हाई स्पीड रेल की रफ्तार 320 किमी प्रति घंटा होगी। यानी यह ट्रेन अहमदाबाद से मुंबई की दूरी 2 घंटे में तय कर सकती है। तेज स्पीड के चलते एक ट्रेन सीमित स्टेशनों पर ही रुकेगी। वहीं, स्लो बुलेट ट्रेन यह दूरी 3 घंटे में तय करेगी और सभी 12 स्टेशनों पर ठहरेगी।

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कितना किराया हो सकता है ट्रेन का?

कितना किराया हो सकता है ट्रेन का?

मुंबई-अहमदाबाद के 508 किमी लंबे मार्ग पर दौड़ने वाली बुलेट ट्रेन के किराए की बात अभी स्पष्ट नहीं हुई। हालांकि, नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) के एक अधिकारी ने कहा था कि, इसमें सफर करने के लिए करीब 3000 रुपये चुकाने होंगे। महज 2:07 घंटे में इसके जरिए 508 किमी की दूरी तय की जा सकेगी। यानी ट्रेन की रफ्तार लगभग 320 किमी प्रति घंटे होगी।

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प्रोजेक्ट से 25,000 लोगों को रोजगार का दावा

प्रोजेक्ट से 25,000 लोगों को रोजगार का दावा

नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) के मैनेजिंग डायरेक्टर अचल खरे ने पिछले साल बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट में आ रही अड़चनों का जिक्र किया था। जिसमें लोगों को रोजगार मुहैया कराने का वादा करते हुए खरे ने यह भी कहा कि बुलेट ट्रेन परियोजना के तहत 25,000 लोगों को रोजगार दिया जाएगा। यह बिलियन डॉलर्स का प्रोजेक्ट है तो इसमें कर्मचारियों की संख्या भी काफी ज्यादा होगी। 24 हजार करोड़ रुपए बड़ी राशि का अनुबंध तो अकेले एलएंडटी के साथ हुआ है।

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English summary
India's first bullet train project: Rs 24000 Crores Largest Single Order To L&T, For Vadodara To Vapi Route, Elevated Bridge, Station, River Bridge
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