भारत का पहला CNG बायो पंप गुजरात के दामा गांव में हुआ शुरू, गाय का गोबर होगा यूज
बनासकांठा। गाय के गोबर से भी अब कम्प्रेस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) बनाकर इस्तेमाल हो सकेती। इस तरह का उत्पादन करने वाले बायो-पंप पहली बार गुजरात के बनासकांठा जिले के दामा गांव के समीप शुरू किए गए हैं। ऐसा दावा है कि, यह देश का पहला ऐसा प्लांट है। उत्तर गुजरात के पशुपालकों से गायों का दूध एकत्र करने के काम में जुटी बनास डेयरी ने यह प्लांट स्थापित कराया है।
गायों के गोबर से सीएनजी भी बनेगी
जानकारी के अनुसार, अब गायों का गोबर संग्रहित कर गोबर गैस से संचालित किए जाने वाले 25 बायो सीएनजी पंप स्थापित किए जाएंगे। बनासकांठा जिले में डीसा-थराद मार्ग पर दामा गांव के समीप इसमें कामयाबी हासिल हुई है। ऐसे में जबकि, अब तक गायों का ज्यादातर उपयोग दूध के अलावा गोबर-गैस, उपले एवं खाद उत्पादन में ही होता था। मगर, अब सीएनजी बनने से यह सस्ते में उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराई जा सकेगी।
यह बोले बनास डेयरी के प्रबंध निदेशक
बनास डेयरी के प्रबंध निदेशक कामराजभाई चौधरी ने प्लांट के बारे में बताया कि, सभी तरह की आवश्यक कार्रवाई और स्वीकृति लेने की प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही हमने ऐसा सयंत्र स्थापित किया। बायोगैस सीएनजी पंप से बिक्री भी शुरू कर दी गई है। आसानी हो सके, इसलिए बायोगैस प्लांट के समीप ही बायो सीएनजी पंप बनाया गया है। इसके जरिए बहुत सुगमता से गैस की आपूर्ति हो सकेगी।
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कितना खर्च हुआ तकनीक पर?
बनास के अधिकारियों के मुताबिक, गोबर गैस का प्लांट बनाने व सीएनजी के लिए फिल्टरेशन की तकनीक पर करोड़ों रुपए खर्च हुए। करीब 8 करोड़ रुपए का खर्च बनास डेयरी ने ही वहन किया। इसके लिए अब सरकार से अनुदान की मांग की गई है। बनास की तरफ से यह कहा गया है कि, आगामी समय में 25 और उसके बाद में 25-30 गांवों पर एक गोबर गैस प्लांट स्थापित करेंगे। साथ ही तहसील मुख्यालयों पर सीएनजी वाले पंप खोले जाएंगे।