यह है एकमात्र ऐसा मंदिर जहां देवी-देवता नहीं, मुस्लिम महिला की होती है पूजा, जानिए वजह
गांधीनगर। गुजरात में एक ऐसा देवालय है जहां किसी देवी-देवता नहीं, बल्कि एक मुस्लिम महिला की पूजा होती है। गांववाले सिर झुकाकर उसे प्रणाम करते हैं और आर्शीवाद लेने आते हैं। यह देवालय डोला माता के नाम से प्रसिद्ध है। गांववाले बताते हैं कि करीब 250 साल पहले यहां झूलासन गाँव पर आक्रांताओं का हमला हुआ था। तब उस मुस्लिम महिला ने उनका मुकाबला किया। हालांकि, वह ज्यादा समय तक उनके सामने नहीं टिक पाई और वीरगति को प्राप्त हुई। ऐसा कहा जाता है कि उसकी मृत्यु के बाद गांववालों को उस स्थान पर सिर्फ फूल ही मिले। माना जाने लगा कि वे फूल ही उसका मृत शरीर थे। तब से यहां उसकी पूजा होने लगी।
एकमात्र
ऐसा
मंदिर,
जहां
होती
है
मुस्लिम
महिला
की
पूजा
गांववालों
का
कहना
है
कि
इस
अनूठे
मंदिर
के
दर्शन
करने
दूर-दूर
के
श्रद्धालु
आते
हैं।
उस
महिला
के
फूल
देखकर
गाँव
वालों
ने
ही
उस
स्थान
पर
मंदिर
का
निर्माण
कराया
था।
तब
से
डोला
को
भगवान
की
तरह
पूजा
जाता
है।
वैसे
तो
राज्य
में
बहुत
से
हिन्दू
मंदिर
हैं।
लेकिन
जहां
मुस्लिम
महिला
की
पूजा
होती
है,
ऐसा
यही
एकमात्र
मंदिर
है।
इन
मंदिरों
के
भी
कीजिए
दर्शन,
जानिए
क्या
हैं
विशेषताएं
दुनिया
में
सर्वाधिक
मंदिरों
वाले
देश
भारत,
म्यांमार
और
इंडोनेशिया
हैं।
हिंदू
समुदाय
के
सर्वाधिक
अनुयायी
भी
भारत
में
हैं।
यहां
90
करोड़
से
ज्यादा
हिंदू
हैं,
जिनके
लिए
हजारों
मंदिर
हैं।
हर
मंदिर
की
कुछ
न
कुछ
कहानी
रही
है,
मान्यताएं
रही
हैं।
कई
मंदिर
हजारों
टन
सोने
से
बने
हैं,
तो
बहुत
से
मंदिरों
में
भगवान
की
चांदी-तांबे
की
प्रतिमाएं
मौजूद
हैं।
देश
में
कुछ
ऐसे
मंदिर
भी
हैं,
जो
अपने
अलग
तरह
के
भोग-प्रसाद
के
लिए
विख्यात
हैं।
Oneindia.com
की
'मंदिर
दर्शन'
सीरीज
के
तहत
हम
आपको
करा
रहे
हैं
ऐसे
ही
कुछ
दुर्लभ
मंदिरों
के
दर्शन।
यहां करें मां कालिका की दक्षिण मुखी प्रतिमा के दर्शन, 40Km2 में फैले पर्वत की उम्र है 8 करोड़ साल
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