मां के गर्भ से 2 मृत शिशुओं के अवशेष आने के बाद जन्मा स्वस्थ बच्चा, यहां पहली बार हुआ ऐसा
राजकोट। गुजरात में राजकोट शहर के सरकारी अस्पताल के प्रसूति विभाग में कुदरत का करिश्मा देखने को मिला। यहां एक महिला को बच्चा होनहार था, डॉक्टर एवं नर्सेस ने उसे संभाला। डॉक्टर्स की टीम को पहले उस महिला के गर्भ से दो बच्चों के अवशेष (हड्डियां शामिल) हाथ लगे। उन्हें बाहर निकाला गया, जिसके बाद तीसरे बच्चे का सफलता पूर्वक प्रसव हुआ।
गुजरात में अनोखी डिलीवरी हुई
ऐसा मामला यहां पहले कभी सामने नहीं आया था। इस प्रकार यह दुनिया का दुर्लभतम केस था, जिसे देखकर डॉक्टर्स चकित रह गए। बताया कि आज तक विश्व में ऐसे केवल 4-5 मामले ही दर्ज हुए हैं। जिस महिला का प्रसव कराया गया, उसकी पहचान अनिशाबेन इम्तियाज ब्लोच के तौर पर हुई। वो अमरेली के धारी गाँव की रहने वाली है।
मां अमरेली के धारी गाँव की रहने वाली
संवाददाता ने बताया कि, जब उसे प्रसव पीड़ा शुरू हुई तो उसे धारी स्थित आरोग्य केन्द्र ले जाया गया। वहां उसकी पीड़ा कम नहीं हुई तो तत्काल राजकोट ले जाने की सलाह दी गई। राजकोट पहुँचते ही उनकी सोनोग्राफी और बच्चे की हार्टबीट जाँचने के बाद प्रसव की तैयारी शुरू कर दी गईं।
ऐसे सक्सेसफुल डिलीवरी कराई गई
प्रसूति विभाग के डॉक्टर्स मनीशा परमार, कविता दुधरेजिया, अंनत पांडे और नर्सिंग स्टाफ की हर्षाबेन टांक साथ ही कुछ और स्टाफ के लोगों ने ऑपरेशन शुरू किया। जब प्रसव के लिए पेट खोला गया तब एक खोपड़ी के जैसा भाग देखा गया। इस ऑपरेशन में आगे जाते हुए एक पीली प्रवाही निकलने लगी जिसे देखकर लग रहा था कि मरीज का हृदय, फेफड़े और आंतिया पिघल गयी हों। इससे डॉक्टर्स चिंतित हो उठे। हालांकि, बाद में यह सर्जरी अधिक सावधानीपूर्वक की गई। इसके दौरान एक के बाद एक हड्डियाँ निकलती गईं।
दो मृत शिशुओं के आने के बाद तीसरा बच्चा स्वस्थ आया
सारी हड्डियाँ बाहर निकालकर साफ़ करने के बाद पता चला कि गर्भ में दो मृत बालक थे। इसके बाद हुई प्रसूति में एक 2.7 किलो के बालक का जन्म होने पर वहाँ सभी डॉक्टर्स के मुंँह से "ओह मई गॉड" निकल पड़ा। यह बहुत ही अनोखा मामला था।
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दुनिया में ऐसे 4-5 मामले ही सामने आए
डॉ. मनीषा परमार ने बताया कि गर्भाशय से दो-दो मृत बालकों की हड्डियों का निकलना आश्चर्यजनक था। अनुसंधान करने पर पाया गया कि विश्व में ऐसी 4-5 घटनाएंँ ही दर्ज हुई हैं। परंतु राजकोट सहित गुजरात राज्य में यह पहला केस है। ऐसी घटना उनके 10 वर्ष के अनुभव में पहली बार हुई है और ऐसे केस को सॉल्व करने पर उनकी पूरी टीम गौरवान्वित है।