अहमदाबाद के कोविड अस्पताल में हिंदू-मुसलमानों के लिए अलग-अलग वार्ड, निशाने पर आई सरकार
अहमदाबाद। गुजरात में अहमदाबाद के एक सरकारी अस्पताल से कोरोना मरीजों से जुड़ी चौंकाने वाली खबर सामने आई है। यहां कोविड हॉस्पिटल में मरीजों को हिंदू-मुसलमानों के तौर पर अलग-अलग वार्डों में भर्ती किया जा रहा है। इसे लेकर सवाल उठने लगे तो चिकित्सा अधीक्षक डॉ. गुणवंत एच राठौड़ ने कहा कि, यह सच है कि मरीजों को उनके मजहब के आधार पर अलग-अलग रख रहे हैं। ऐसा इन रोगियों की आस्था के मुताबिक किया गया। यह सब राज्य सरकार के निर्देशों के अनुसार हुआ है। वहीं, राज्य के कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं मंत्री इस तरह के किसी भी निर्णय से इनकार कर रहे हैं। डिप्टी सीएम नितिन पटेल ने कहा है कि, अस्पताल में अलग-अलग वार्ड महिला और पुरुषों के लिए होते हैं। हमने ऐसे आदेश नहीं दिए।''
अस्पताल में हिंदू-मुसलमानों के लिए अलग-अलग वार्ड
बता दें कि, कोविड-19 के मरीजों से जुड़ी यह खबर एक प्रतिष्ठित अंग्रेजी अखबार ने प्रकाशित की है। द् इंडियन एक्सप्रेस द्वारा बुधवार को छापी गई खबर में बताया गया है कि, अस्पताल में भर्ती के प्रोटोकॉल मरीजों के मजहब व उनके विश्वास को देखते हुए तय किए गए हैं। ऐसे में यहां कोरोना मामले की पुष्टि के लिए किए गए टेस्ट का परिणाम आने तक संदिग्ध मरीजों को एक अलग वार्ड में रखा जाता है।
चिकित्सा अधीक्षक ने कहा— ये सरकार का निर्णय
चिकित्सा अधीक्षक डॉ. गुणवंत एच राठौड़ ने कहा कि राज्य सरकार के निर्देशों के अनुसार हिंदुओं और मुसलमानों के लिए दो अलग-अलग वार्ड बनाए गए हैं। हालांंकि, उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री नितिन पटेल ने ऐसे किसी भी निर्णय से इनकार किया है। बकौल राठौड़, "आम तौर पर, पुरुष और महिला रोगियों के लिए अलग-अलग वार्ड होते हैं। लेकिन यहां, हमने हिंदू और मुस्लिम रोगियों के लिए अलग-अलग वार्ड बनाए हैं।" इसकी वजह पूछे जाने पर राठौड़ बोले कि, "यह सरकार का निर्णय है और आप उनसे पूछ सकते हैं।"
कलेक्टर ने कहा- मुझे ऐसे किसी आदेश के बारे में नहीं पता
अहमदाबाद
के
इस
अस्पताल
में
मरीजों
को
अलग-अलग
वार्ड
आवंटित
करने
के
मामले
को
सरकार
का
ही
निर्णय
बताया
जा
रहा
है।
हालांकि,
इस
तरह
के
किसी
भी
फैसले
से
इनकार
करते
हुए
अहमदाबाद
कलेक्टर
केके
निराला
ने
कहा
है,
"हमारी
तरफ
से
ऐसा
कोई
निर्देश
नहीं
गया
और
हम
ऐसे
किसी
भी
सरकारी
निर्णय
के
बारे
में
नहीं
जानते
हैं।"
वहीं,
इंडियन
एक्सप्रेस
की
खबर
में
लिखा
गया
कि,
मरीजों
को
उनके
पंथ
(धार्मिक
निष्ठा/फेथ)
के
आधार
पर
सीओवीआईडी
वार्ड
में
भर्ती
किया
जा
रहा
है।
यही
अहमदाबाद
के
अस्पताल
का
प्रोटोकॉल
है,
जो
कि
सरकार
के
दिशा-निर्देशों
के
अनुसार
तय
किया
गया
है।
यह बोले गुजरात के डिप्टी सीएम नितिन पटेल
वहीं, इस मामले पर गुजरात के डिप्टी सीएम नितिन पटेल ने कहा कि, "मुझे इस तरह के फैसले (धर्म के आधार पर वार्ड) के बारे में जानकारी नहीं है। आमतौर पर, पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग वार्ड होते हैं। मैं इस बारे में पूछताछ करूंगा।"
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