हार्दिक पटेल ने गुजरात चुनाव से ठीक पहले क्यों छोड़ी कांग्रेस, ये हैं 5 बड़ी वजहें
अहमदाबाद, 18 मई। गुजरात के पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने कांग्रेस से हाथ जोड़ लिए हैं। तकरीबन तीन साल तक कांग्रेस में रहने के बाद हार्दिक पटेल ने आखिरकार कांग्रेस को छोड़ दिया है। हार्दिक पटेल ने एक लंबा-चौड़ा इस्तीफा पत्र लिखकर कांग्रेस को आईना दिखाने का काम किया है। साथ ही उन्होंने पार्टी के भीतर अंतर्कलह का मुद्दा भी उठाया। हार्दिक ने खुलकर अपने पत्र में लिखा कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में गंभीरता नहीं है। पार्टी के भीतर मेरा तिरस्कार किया गया,जिसकी वजह से मैंने कांग्रेस पार्टी को छोड़ दिया। कांग्रेस पार्टी को किन पांच बड़ी वजहों के चलते हार्दिक ने अलविदा कहा, आइए डालते हैं एक नजर।

विरोध की राजनीति तक सिमटी कांग्रेस
हार्दिक ने साफ तौर पर अपने पत्र में लिखा कि अनेक प्रयासों के बाद भी कांग्रेस पार्टी द्वारा देशहित एवं समाज हित के बिल्कुल विपरीत कार्य किया गया। यह 21वीं सदी है और भारत विश्व का सबसे युवा देश है। देश के युवा एक सक्षम और मजबूत नेतृत्व चाहते हैं, लेकिन पिछले 3 सालों में मैंने पाया कि कांग्रेस पार्टी सिर्फ विरोध की राजनीति तक सीमित है। लेकिन देश के लोग विरोध की नहीं बल्कि भविष्य को सोचने वाली राजनीति चाहते हैं। देश ऐसा नेतृत्व चाहता है जो आगे ले जाने की क्षमता रखता हो।

शीर्ष नेतृत्व से नाराज
कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर सवाल खड़ा करते हुए हार्दिक ने कहा कि शीर्ष नेतृत्व में किसी भी मुद्दे के प्रति गंभीरता की कमी है और यह एक बड़ा मुद्दा है। मैं जब भी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से मिला तो लगा कि नेतृत्व का ध्यान गुजरात के लोगों और पार्टी की समस्याओं को सुनने से ज्यादा अपने मोबाइल और बाकी की चीजों पर रहा। जब भी देश संकट में था, कांग्रेस से नेतृत्व की जरूरत थी तो हमारे नेता विदेश में थे। शीर्ष नेतृत्व का बर्ताव गुजरात के प्रति ऐसा है, जैसे कि गुजरात और गुजरातियों से उन्हें नफरत हो। ऐसे में कांग्रेस कैसे अपेक्षा करती है कि गुजरात के लोग उन्हें विकल्प केतौर पर देखेंगे।

गुजरातियों का अपमान
गुजरात कांग्रेस के नेताओं के बर्ताव पर भी हार्दिक पटेल ने सवाल खड़ा किया। हार्दिक आगामी चुनाव में अपनी स्थिति को मजबूत बनाना चाहते हैं और उन्हें कांग्रेस आगामी चुनाव में मजबूत विकल्प के तौर पर नहीं दिख रही है, यही वजह है कि उन्होंने खुलकर कांग्रेस के खिलाफ बोला है। हार्दिक पटेल ने कहा कि दुख होता है जब हम जैसे कार्यकर्ता अपनी गाड़ी से अपने खर्च पर दिन में 500-600 किलोमीटर तक की यात्रा करते हैं, जनता के बीच जाते हैं, फिर देखते हैं कि गुजरात बड़े नेता तो जनता के मुद्दों से दूर सिर्फ इस बात पर ध्यान देते हैं कि दिल्ली से आए हुए नेता को उनके चिकन सैंडविच समय पर मिला या नहीं। युवाओं के बीच मैं जब भी गया तो सभी ने एक ही बात कही कि आप ऐसी पार्टी में क्यों हो जो हर प्रकार से गुजरातियों का सिर्फ अपमान ही करती है। कांग्रेस पार्टी ने युवाओं के भरोसे को तोड़ा है, यही वजह है कि कोई भी युवा कांग्रेस के साथ खड़ा नहीं होना चाहता है।

कांग्रेस के नेता बिक गए
कांग्रेस के नेताओं पर खुद के हित के लिए लोगों के मुद्दे से समझौता करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मुझे बड़े दुख के साथ कहना पड़ता है कि आप गुजरात में हर कोई जानता है कि किस प्रकार कांग्रेस के बड़े नेताओं ने जानबूझकर गुजरात की जनता के मुद्दों को कमजोर किया और इसके बदले में खुद बड़े आर्थिक फायदे उठाए। राजनीतिक विचारधारा अलग हो सकती है लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का इस प्रकार बिक जाना प्रदेश की जनता के साथ बहुत बड़ा धोखा है।

पार्टी ने सिर्फ मेरा तिरस्कार
अपने इस्तीफे में हार्दिक ने खुद के तिरस्कार की भी बात कही। उन्होंने कहा कि अफसोस की बात है कि का्ग्रेस पार्टी गुजरात की जनता के लिए कुछ अच्छा करना ही नहीं चाहती। इसीलिए जब मैं गुजरात के लिए कुछ करना चाहता था तो पार्टी मेरा सिर्फ तिरस्कार करती थी। मैंने कभी नहीं सोचा था कि पार्टी का नेतृत्व हमारे प्रदेश, समाज और युवाओं के लिए अपने मन में इस प्रकार का द्वेष रखता है।