गुजरात में अब तक 88% से ज्यादा बारिश हो चुकी, 64 बांध पानी से 100% भरे, सबसे बड़ा डैम अभी खाली
अहमदाबाद। पिछले वर्ष की तरह इस बार भी गुजरात में खूब मानसूनी वर्षा हुई है। कुछ जिलों में तो मूसलाधार बारिश ने कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया। मौसम विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, राज्य में अब तक मौसम की 88 % से भी ज्यादा बरसात हो चुकी है। जिनमें सबसे ज्यादा कच्छ जोन में 150.87%, सौराष्ट्र जोन में 119.18%, दक्षिण गुजरात जोन में 81.68% और पूर्व मध्य जोन में 68.02 तथा उत्तर जोन में 65.21% मेघ बरसे।
गुजरात के 64 बांध पूरे भरे
लगातार बारिश के चलते गुजरात के कई सारे बांध समय से पहले ही पानी से भर गए हैं। 64 बांध तो सौ फीसदी छलक रहे हैं। मौसम विभाग के मुताबिक, बारिश से सीजन में गुजरात के कुल मिलाकर 206 बांधों में पानी भर रहा है। जिनमें 64 बांध ऐसे हैं जो कि 70 से 100% तक भर चुके हें। बारिश के कारण राज्य के 131 मार्ग भी प्रभावित हुए हैं।
सरदार सरोवर के फुल होने में अभी समय
बारिश से बांधों के भरने की सबसे ज्यादा अहमियत है सरदार सरोवर डैम की। यह गुजरात का ही नहीं, अपितु देश का भी सबसे बड़ा डैम माना जाता है। इन दिनों सरदार सरोवर डैम में भी पानी इतना एकत्रित हो गया है कि गेट तक खोलने पड़ गए। हालांकि, अभी इसमें 56 फीसदी से ज्यादा ही पानी जमा हुआ है। सरकार को आशा है कि, मानसून के वापस लौटने तक यह पूरा भर जाएगा।
कैसा है सरदार सरोवर डैम, कब बना?
गुजरात में इस सबसे बड़े डैम को बनाने की पहल तब शुरू हुई थी जब देश आजाद भी नहीं हुआ था। खुद सरदार पटेल ने 1945 में यहां बांध बनाए जाने का सपना देखा था। 5 अप्रैल 1961 को प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने इसकी नींव रखी, लेकिन तमाम वजहों से यह प्रोजेक्ट (परियोजना) लटका रह गया। इसे पूरा होने में पूरे 56 साल लग गए। यह काम पूरा हुआ वर्ष 2017 में। भारत के इतिहास में यह एक विवादास्पद परियोजना भी कही जा सकती है क्योंकि इसे बनाना शुरू किया था कांग्रेस नेता व देश के पहले पीएम पंडित जवाहर लाल नेहरू ने, लेकिन परवान चढ़ा पीएम नरेंद्र मोदी के शासन में। भाजपा-कांग्रेस के बीच इसे लेकर खूब बयानबाजी हुई।
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138 मीटर ऊंचा है यह बांध
भारत में वर्ष 2017 से पहले तक पंजाब में स्थित भाखरा-नांगल बांध ही सर्वाधिक चर्चित था। किंतु अब चर्चे सरदार सरोवर बांध के होते हैं। नर्मदा नदी पर बना यह बांध 138 मीटर ऊंचा (नींव सहित 163 मीटर) है। इसमें कई ऐसी खासियतें हैं, जो इसे दुनिया में सबसे खास बनाती हैं। नर्मदा नदी पर बनने वाले 30 बांधों में सरदार सरोवर और महेश्वर दो सबसे बड़ी बांध परियोजनाएं हैं। हालांकि, इनका लगातार विरोध भी होता रहा है। इन परियोजनाओं का मुख्य उद्देश्य गुजरात के सूखाग्रस्त इलाक़ों में पानी पहुंचाना और मध्य प्रदेश के लिए बिजली पैदा करना है।
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सुप्रीम कोर्ट में अटका रहा था मामला
इस बांध के निर्माण कार्य को फिर से शुरू कराने के लिए अक्टूबर 2000 में सुप्रीम कोर्ट की अनुमति ली गई। 1945 से अटका यह काम तब शुरू हुआ। हालांकि, इसकी ऊंचाई को घटाकर 110.64 मीटर करने का आदेश दे दिया गया। उसके बाद 2006 में डैम की ऊंचाई को बढ़ाकर 121.92 मीटर और 2017 में 138.90 मीटर करने की इजाजत मिल गई। इस तरह, सरदार सरोवर डैम को पूरा होने में करीब 56 साल लगे। 17 सितंबर 2017 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे देश को समर्पित किया।