गुजरात: पुलिस ने 8 दलितों को क्रूरता से पीटा, कांग्रेस विधायक ने ट्वीट कीं चोटों वाली तस्वीरें
गांधीनगर। लॉकडाउन के दौरान कुछ लोगों को गुजरात में पुलिसकर्मियों ने निर्दयता से पीटा। उन्हें लॉकअप के अंदर इतनी लाठियां मारीं कि, शरीर पर गहरे निशान बन गए। शरीर नीला पड़ गया। सभी 8 पीड़ित दलित थे। उनकी हालत देख कांग्रेस के दसदा विधानसभा क्षेत्र के विधायक नौशाद सोलंकी ने तस्वीरें ट्वीट कीं। सोलंकी ने गृहराज्य मंत्री प्रदीपसिंह जाडेजा को टैग करते हुए कहा कि, 'ये सभी लोग खेतों में काम करने वाले मजदूर हैं। अगर किसी नियम का उल्लंघन किया है, तो कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। लेकिन पुलिस द्वारा इस तरह अमानवीय बल प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए।' जिसके बाद आरोपी सिपाहियों के खिलाफ जांच और कार्रवाई शुरू कर दी गई।
संवाददाता के अनुसार, यहां बोटाद जिले के विकालिया गांव में पुलिस के सहायक उप-निरीक्षक ए.ए. खुमान ने आठ दलितों की निर्दयता से पिटाई की। उसके अलावा दो ग्राम रक्षक दल के जवान भी थे। पीड़ित दलितों के रिश्तेदार ने शिकायत की कि, '25 मार्च को हमारा लड़का बाज़ार से दूध लेने गया था। वहां रास्ते में एक पुलिसकर्मी ने उसे लॉकडाउन के कारण बाहर नहीं निकलने के लिए कहा। उस समय लड़के ने पुलिसकर्मी से कहा कि वह दूध लाने के लिए बाजार गया था। मगर, उस पुलिसवाले को लड़के की बात सच नहीं लगी और वह लड़के के पीछे घर तक आया। इसके बाद पिटाई की। बात यहीं खत्म नहीं हुई। उस घटना के दो दिन बाद 28 मार्च को शाम 4 बजे करीब 40-50 पुलिसकर्मी अचानक हमारे इलाके में आए और घरों के अंदर से 8 पुरुष सदस्यों को उठाकर ढासा पुलिस स्टेशन ले गए।'
शिकायत में दलित ने आगे कहा कि, 'ढासा पुलिस स्टेशन में हमारे 8 लोगों पर लॉकडाउन के उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया। पुलिस हिरासत के दौरान आठों को पुलिस ने बुरी तरह से पीटा।' इस पूरे मामले पर बोटाद के पुलिस अधीक्षक हर्षद मेहता का बयान आया। उन्होंने कहा कि, उक्त घटना 28 मार्च की है।विधायक सोलंकी द्वारा जानकारी दिए जाने पर मुझे इस बारे में पता चला। उन आठ लोगों को दरअसल, धारा-144 की अधिसूचना का उल्लंघन करने के लिए गिरफ्तार किया गया था। उन्हें थाने से ही जमानत पर रिहा कर दिया गया था। मगर, उन लोगों की इस तरह पिटाई करने वालों पर कार्रवाई होगी। पुलिस उपाधीक्षक रैंक के एक अधिकारी को इस मामले की जांच का आदेश दिया है। बताया गया है कि, उनमें 3 पुलिसकर्मी आरोपी हैं। इस मामले में सहायक उप-निरीक्षक एए खुमान को ढासा पुलिस स्टेशन से जिला पुलिस मुख्यालय में स्थानांतरित कर दिया है। बाकी दोनों जो कि, ग्राम रक्षक दल के जवान हैं, उन पर भी नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
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