एशिया के सबसे लंबे रोप-वे के महंगे टिकट से लोग खफा, रेट कम करवाने के लिए कांग्रेसी MLA ने लिखा पत्र
गांधीनगर। गुजरात में तैयार हुए एशिया के सबसे लंबे गिरनार रोप-वे के महंगे टिकट से लोग असमर्थता जाहिर कर रहे हैं। लोगों का समर्थन करते हुए कांग्रेस के नेता राज्य सरकार के खिलाफ आवाज उठाने लगे हैं। जूनागढ़ से कांग्रेस विधायक भीखा जोशी ने इसे लेकर मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने रोप-वे के लिए जारी किए जाने वाले टिकट की कीमतों में कमी करने की मांग की है। भीखा ने कहा है कि, वर्तमान में जूनागढ़ में नवनिर्मित गिरनार रोप-वे के लिए टिकट की कीमत काफी ज्यादा हैं। जनता इतना महंगा टिकट नहीं खरीद पाएगी। स्थानीय स्तर पर भी इसका काफी विरोध हो रहा है। यह सब देखते हुए टिकटों की कीमत कम की जाएं।
विधायक द्वारा मुख्यमंत्री के नाम लिखे गए पत्र में बताया गया कि, वर्तमान में पावागढ़ में रोप-वे टिकट की कीमत लगभग 150 रुपये है। गिरनार रोप-वे टिकट की कीमत पावागढ़ से 6 गुना अधिक है। चूंकि टिकट की कीमत मध्यम वर्ग के लिए सस्ती नहीं है, हम आपसे स्थानीय जनता की ओर से अनुरोध करते हैं कि टिकट की कीमत लगभग 300 रुपये रखने के लिए आदेश दिए जाएं। बताया जा रहा है कि, रोप-वे में वापसी टिकट की दर 700 रुपये और एकल टिकट की दर 400 रुपये तय की गई है। भीखाभाई का कहना है कि, 700 रुपये की कीमत को गरीब और मध्यम वर्ग किसी भी तरह से बर्दाश्त नहीं कर सकता। आज पावागढ़ रोपवे की कीमत 150 रुपये है। गिरनार रोप-वे पावागढ़ रोप-वे की तुलना में 3 गुना अधिक है, लेकिन कीमत 6 गुना बढ़ा दी गई है। यह बहुत अनुचित है कि कीमत में 6 गुना वृद्धि की गई है। इसीलिए उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर हस्तक्षेप करने और टिकट की कीमत कम करने को कहा है।
रोप-वे का उद्घाटन पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था। जिसके बाद से इसे पर्यटकों के लिए खोल दिया गया। मालूम हो कि, रोप-वे तैयार होने से पहले भवनाथ से अंबाजी तक सीढिय़ों पर चढऩे के लिए लोगों को 5 से 6 घंटे लगते थे। लेकिन गिरनार रोप-वे परियोजना शुरू होने के बाद, लोग केवल 6 से 7 मिनट में भवनाथ गिरनार यानी अंबाजी के शीर्ष तक पहुंच सकते हैं और 5 से 6 मिनट में अंबाजी से भवनाथ लौट सकते हैं। काफी पर्यटक अनावरण के बाद से रोपवे का आनंद ले रहे हैं, लेकिन रोप-वे की टिकटों के रेट ज्यादा होने की वजह से काफी लोग असमर्थता जताते हैं। ऐसे में लोग अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर रेट कम करवाने की बात कर रहे हैं।