मोदी सरकार की तरह गुजरात में भी मंत्री-विधायकों का 30% वेतन कटेगा, डेढ़ करोड़ का ग्रांट भी होगा खर्च
अहमदाबाद। गुजरात सरकार ने कोरोना की महामारी से निपटने के लिए दो महत्वपूर्ण फैसले किए हैं। पहला यह कि, केंद्र सरकार की तरह राज्य सरकार के सभी मंत्री-विधायकों के वेतन से 30% की कटौती की जाएगी। दूसरा यह कि, विधायकों को मिलने वाले डेढ़ करोड़ रुपए के ग्रांट को भी प्रजाहित में कोरोना के लिए खर्च किया जाएगा। इस बारे में स्वयं मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने घोषणा की।
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा कि, केंद्र सरकार सांसदों के वेतन में 30 प्रतिशत की कटौती करने जा रही है। जिसके तहत राज्य में सभी मंत्री-विधायको का 30 प्रतिशत वेतन भी कोरोना के लिए खर्च किया जाएगा। इसके अलावा उन्हें मिलने वाले ग्रांट को भी दो साल के लिए कोरोना के खिलाफ होने वाली जंग में लगाया जाएगा। इस तरह केंद्र सरकार के निर्णय को गुजरात सरकार अपना समर्थन देगी।
राज्य सरकार द्वारा यह निर्णय उपमुख्यमंत्री नीतिन पटेल, गृह राज्यमंत्री प्रदीप सिंह जाडेजा की उपस्थिति में आयोजित कोर कमेटी की बैठक में हुआ। पोरबंदर के सांसद रमेश धडुक ने एक कदम और आगे बढ़ाते हुए अपना एक साल का वेतन कोरोना महामारी से निपटने के लिए बनाए गए फंड में देने की घोषणा की। उनके इस निर्णय का अन्य सांसदों-विधायकों ने भी स्वागत किया है। लोग भी उनके इस निर्णय की सराहना कर रहे हैं।
पुलिसकर्मी
की
मौत
पर
मिलेगा
25
लाख
मुआवजा
मुख्यमंत्री
विजय
रूपाणी
ने
यह
ऐलान
भी
किया
है
कि,
अगर,
किसी
पुलिसकर्मी
की
कोरोना
के
कारण
मौत
होती
है
तो
उसके
परिजनों
को
25
लाख
रुपये
मुआवजा
दिया
जाएगा।
बीते
दिनों
राज्य
के
पुलिस
महानिदेशक
ने
कहा
था
कि,
हम
लॉकडाउन
व
होम
क्वारंटाइन
का
उल्लंघन
करने
वालों
से
सख्ती
से
निपट
रहे
हैं।
कोरोना
के
लगातार
बढ़
रहे
मामलों
के
कारण
गुजरात
पुलिस
हर
इलाके
में
लॉकडाउन
को
लेकर
कार्रवाई
कर
रही
है।
लॉकडाउन: द्वारका से 1700 लोगाें को उनके शहर पहुंचाया गया, सभी होटल खाली कराकर सैनिटाइज किए