किसानों के भारत बंद का गुजरात समर्थन नहीं कर रहा, कोई जबरदस्ती दुकानें बंद करेगा तो सख्त कार्रवाई होगी: CM रूपाणी
गांधीनगर। केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे किसान संगठनों का कल 'भारत बंद' है। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि, हजारों किसान 8 दिसंबर मंगलवार के दिन सुबह 11 बजे से 3 बजे तक देश बंद करेंगे। इस पर भाजपा की सत्ता वाले गुजरात की सरकार ने दो टूक कहा है कि, गुजरात इस तरह के बंद को समर्थन नहीं करता। खुद मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने आज कहा, "किसान संगठनों द्वारा किए गए भारत बंद के आह्वान का गुजरात समर्थन नहीं कर रहा है। अगर कोई जबरदस्ती दुकानों और अन्य प्रतिष्ठानों को बंद करने की कोशिश करता है तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।"
यानी
गुजरात
के
मुख्यमंत्री
विजय
रूपाणी
अपने
राज्य
में
किसान-आंदोलन
से
सहमत
नहीं
हैं।
उनका
कहना
है
कि
सरकार
किसानों
की
हितैषी
है।
वे
मानते
हैं
कि,
कृषि
कानून
नहीं
हटाए
जाने
चाहिए।
उधर,
कांग्रेस
और
कई
किसान
संगठन
इस
मांग
पर
अड़
गए
हैं
कि
कानूनों
को
वापस
लिया
जाए।
सरकार
झुके,
इसीलिए
8
दिसंबर
को
भारत
बंद
का
आवाह्न
किया
गया
है।
इसके
समर्थन
में
कांग्रेस
समेत
20
सियासी
दल
और
10
ट्रेड
यूनियंस
उतर
आए
हैं।
साथ
ही
विपक्षी
पार्टियों
के
नेताओं
ने
9
दिसंबर
को
राष्ट्रपति
से
मिलने
के
लिए
समय
मांगा
है।
सपा
नेता
अखिलेश
तो
खुद
किसानों
के
पास
पहुंचने
की
कोशिश
करते
हिरासत
में
ले
लिए
गए।
पुलिस
ने
उन्हें
उनके
समर्थकों
के
साथ
लखनऊ
से
निकलते
वक्त
ही
रोक
लिया।
वे
सभी
कन्नौज
जाने
के
लिए
निकले
थे।
इसके
बाद
अखिलेश
वहीं
धरने
पर
बैठ
गए
तो
पुलिस
ने
उन्हें
हिरासत
में
ले
लिया।
अखिलेश
के
समर्थक
पुलिस
से
उलझते
नजर
आए।
उधर,
बसपा
प्रमुख
मायावती
ने
भी
किसान
आंदोलन
को
समर्थन
का
ऐलान
किया
है।
वहीं,
किसान
नेता
बलदेव
सिंह
निहालगढ़
ने
कहा
है
कि,
केंद्र
सरकार
को
अपनी
जिद
से
पीछे
हटना
होगा।
किसान
नेता
बलदेव
ने
यह
भी
कहा
कि,
मंगलवार
को
बंद
के
दौरान
एम्बुलेंस
और
शादियों
वाली
गाड़ियां
आ-जा
सकेंगी।
हालांकि,
ज्यादातर
दुकानें
और
प्रतिष्ठान
बंद
करा
दिए
जाएंगे।
बता दिया जाए कि, नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठन गुजरात में भी आंदोलन शुरू करने की दिशा में सक्रिय हो गए हैं। यहां राजधानी गांधीनगर में सेक्टर-6 स्थित सत्याग्रह छावणी में कांग्रेस नेताओं की अगुवाई में धरना दिया गया। इस दौरान दूर-दूर के किसान पहुंचे। गुजरात कांग्रेस के भी बड़े-बड़े नेताओं ने हिस्सा लिया। गुजरात कांग्रेस के प्रभारी राजीव सातव व कांग्रेस के अध्यक्ष अमित चावड़ा और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष परेश धानाणी आए। जहां गुजरात कांग्रेस के प्रभारी राजीव सातव ने फसल बीमा का मुद्दा उठाया।
राजीव सातव ने कहा कि, "गुजरात में फसल बीमा नहीं है। यहां कई जिलों और तहसीलों में बारिश की वजह से फसलें बर्बाद हुईं, लेकिन सरकार ने मुआवजा नहीं दिया। और अब इन नए कृषि कानून के जरिए सिर्फ एक ही कंपनी देश के किसानों की कृषि पैदावार खरीद सकेगी। ये एक बार फिर से इस्ट इंडिया कंपनी बनाने की कवायद की जा रही है। हमारा कहना है कि, इन कानूनों को हटाया जाए। कांग्रेस पार्टी किसानों के हित में हमेशा लड़ती रहेगी।" वहीं, गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष अमित चावड़ा ने भी सरकार पर बड़ा हमला बोला।
चावड़ा ने कहा- "भाजपा सरकार की किसान विरोधी नीति की वजह से सूबे को बड़ा आर्थिक नुकसान हो रहा है। गुजरात की भाजपा सरकार किसान विरोधी है। यहां किसानों को फसल बीमा तक समय पर नहीं मिल रहा। इससे किसानों में आक्रोश है। यह आक्रोश आंदोलन का रूप लेगा। किसान संगठनों की ओर से कल यानी कि, 8 दिसम्बर को बंद का आह्वान किया है। किसानों को हमारी कांग्रेस पार्टी पूरा समर्थन करती है। किसानों की न्यायिक लड़ाई में हम आपके साथ हैं।"