हाईकोर्ट ने कहा- बच्चों को लगना चाहिए सबकुछ नॉर्मल है, आनलॉइन पढ़ाई ये एहसास दिलाने का बेहतर तरीका
गांधीनगर। गुजरात हाईकोर्ट ने कहा है कि, कोरोना संकट की वजह से कुछ महीनों से लाइफ स्टाइल पूरी तरह से बदल गई है। लेकिन ऐसी मुश्किल घड़ी में बच्चों को लगना चाहिए सबकुछ नॉर्मल है। क्योंकि बच्चे हमारी प्राथमिकता हैं। उनके लिए रुटीन होना जरूरी है, जिससे उन्हें लगे कि सब सामान्य है। अन्यथा इसका प्रतिकूल असर पड़ेगा।
हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि, बच्चों को सामान्य स्थिति का अहसास दिलाने के लिए आनलॉइन पढ़ाई बेहतर तरीका है। जज बोले कि, फिलहाल हम ऐसी स्थिति में हैं जहां पर किसी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। पिछले कुछ महीनों से जीने का तरीका पूरी तरह से बदल गया है। ऐसी स्थिति में बच्चों के लिए रूटीन का होना जरूरी है, ताकि उनको लगे कि सब कुछ सामान्य है।
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स्कूलों द्वारा पढ़ाई व ट्यूशन संबंधी कार्य शुरू करने एवं अपने स्टाफ को वेतन देने के संबंध में हाईकोर्ट ने कहा कि, ऐसे समय में यह भी ध्यान रखना अहम होगा कि प्राईवेट स्कूलों के स्टाफ के लिए जहां से वेतन आएगा, वो बच्चों के माता-पिता से आता है। मगर, क्योंकि फिलहाल सभी परिवारों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं हैं। ऐसे में परिस्थिति को देखते हुए बच्चों को उचित शिक्षा मुहैया कराने और स्कूलों को जारी रखने के लिए संतुलन बनाए रखना जरूरी है।
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