प्याज: किसान और उपभोक्ता दोनों ने बहाए आंसू, सरकार अब शुरू करेगी 1000 भंडारण केंद्र
गांधीनगर. देशभर में लोग इन दिनों प्याज-प्याज कर रहे हैं। गुजरात के किसान और उपभोक्ता, दोनों को ही आंसू बहाने पड़ रहे हैं। उपभोक्ता जहां प्याज न मिलने से परेशान हैं, वहीं किसान प्याज के न बिक पाने से। साल 2019 खत्म हो रहा है, अब सरकार ने दोनों तबकों के लिए बड़ा फैसला लिया है। राज्य सरकार सौराष्ट्र में प्याज के 1000 भंडारण केंद्र शुरू करने जा रही है। राज्य के कृषि विभाग के आंकड़े अनुसार, पिछले साल के मुकाबले इस साल किसानों ने रबी सिजन में प्याज की बुवाई को दोगुना तक बढ़ा दिया। फिर, भी बड़े शहरों में प्याज की कीमतें 90 से 110 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गईं। देश के कई राज्यों में तो प्याज इस रेट से भी ज्यादा महंगी बिक रही है। कहीं-कहीं तो मिल भी नहीं रही।
ग्राहकों को मिल नहीं रही और किसानों की बिक नहीं रही
जानकारी के अनुसार, गुजरात में प्याज के दाम बढने के मुख्य कारण किसानों के पास कटाई की गई फसल के लिए भंडारण की सुविधा नहीं होना है। न ही यहां किसान लंबे समय तक के लिए अपने स्टॉक बचाए रखने में सक्षम हैं। परिणाम स्वरूप, इसी लिए वे सही मूल्य प्राप्त नहीं कर सकते हैं। यह भी देखा गया है कि, प्याज के उंचे दाम किसानों को नहीं व्यापारियों को मिल रहे हैं। क्योंकि, किसानों की तो प्याज उचित दामों में बिक ही नहीं रही।
साल बीता, निजात पाने के लिए सरकार अब एक योजना लाई
शिकायतें मिलते रहने के बाद सरकार के बागवानी विभाग निदेशालय ने समस्या से निजात दिलाने, या कि किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भंडारण की योजना लेकर आया है। बागवानी निदेशक डॉ. पीएम वाघसिया का कहना है कि 7 साल के अंतराल के बाद राज्य सरकार ने एक बार फिर से कम क्षमता वाले प्याज भंडारण की सुविधा देने के लिए योजना शुरू की है। उन्होंने कहा कि योजना के तहत, किसान अपने खेत या आस-पास 10 से 25 मीट्रिक टन की क्षमता वाले कम लागत वाले प्याज भंडारण की सुविधा स्थापित कर सकते हैं और किसान को 75000 रुपये लागत आ सकती है। सरकार ने परियोजना की लागत का 50 प्रतिशत किसानों को देने का निर्णय किया है।
अगले साल शुरू होंगे 1000 भंडारण केंद्र
पीएम वघासिया ने बताया कि, गुजरात में भंडारण सुविधा (केंद्र) इस साल 300 से कम हैं, जिन्हें अगले साल 1000 करने की योजना है। यह योजना व्यक्तिगत किसानों के लिए है। बागबानी विभाग उन किसानों को प्रोत्साहित कर रहा है जहां दशकों से प्याज की खेती भावनगर, अमरेली, जूनागढ़, राजकोट जिलों में की जाती है। राज्य में प्याज की खेती का विस्तार बढ रहा है। इस साल रबी मौसम में किसानों ने प्याज की खेती का विस्तार पिछले साल की तुलना में दोगुना बढाया है।
गुजरात में कितनी हुई प्याज की खेती?
बागवानी विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 2018-19 में सौराष्ट्र क्षेत्र में 41,103 हेक्टेयर में प्याज की खेती की गई और 10,43,754 मीट्रिक टन उत्पादन किया गया। सौराष्ट्र में भी, सबसे अधिक उत्पादन भावनगर जिले में 6,58,364 मीट्रिक टन था, इसके बाद गिर सोमनाथ 1,48,250 मीट्रिक टन, अमरेली 61,775 मीट्रिक टन, जूनागढ़ 58,800 मीट्रिक टन और राजकोट 56,445 मीट्रिक टन था।
भंडारण की सुविधा से किसानों को होगा यह लाभ
विभाग को उम्मीद है कि अगर व्यक्तिगत किसानों को भंडारण की सुविधा मिलनी शुरू हो जाती है, तो वे संग्रहित फसल पर वित्त के लिए बैंकों से संपर्क कर सकते हैं, इससे उन्हें फसल बेचने के द्वारा किए जाने वाले खर्चों को पूरा करने में तुरंत राहत मिलेगी।