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'लव जिहाद' कानून पर गुजरात सरकार को बड़ा झटका, सुप्रीम कोर्ट ने नहीं रोका हाईकोर्ट का फैसला

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अहमदाबाद। गुजरात सरकार को 'लव जिहाद' रोकने वाले कानून के मुद्दे पर देश की सर्वोच्च अदालत से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश के कुछ प्रावधानों पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है और कहा है कि वह हाईकोर्ट के फैसले में दखल नहीं दे सकता। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने मामले का परीक्षण करने का फैसला किया है।

Gujarat Government Big Blow from Supreme Court against high court order

सरकार की याचिका पर नोटिस जारी
एक अधिवक्ता ने बताया कि, देश की सर्वोच्च अदालत ने गुजरात सरकार की याचिका पर नोटिस जारी किया है। वहीं, इससे पहले गुजरात हाईकोर्ट ने कहा था कि जब तक ये साबित नहीं हो जाता कि लड़की को लालच देकर फंसाया गया है, तब तक किसी व्यक्ति के खिलाफ लव जेहाद कानून के तहत FIR दर्ज नहीं की जा सकती। गुजरात हाईकोर्ट से झटका लगने पर गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने लव जिहाद कानून पर राहत की उम्मीद लगाए बैठी गुजरात सरकार को बड़ा झटका दे दिया। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया और कहा कि इस मामले में हाईकोर्ट के फैसले में दखल नहीं दे सकता।

Gujarat Government Big Blow from Supreme Court against high court order

गौरतलब हो कि, पिछले साल अगस्त में "लव जिहाद" विरोधी कानून को लेकर गुजरात हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाया था। हाईकोर्ट ने लव जिहाद कानून की कुछ धाराओं को लागू करने से रोक दिया था। हाईकोर्ट ने वो फैसला एक इस्लामिक संस्था जमीयत उलेमा-ए-हिंद की याचिका पर सुनाया था। क्योंकि, कथित "लव जिहाद" में मुस्लिमों को निशाना बनाए जाने की खबरें आ रही थीं और इसलिए जमीयत ने गुजरात सरकार के नए कानून पर रोक लगाने की मांग की।

Gujarat Government Big Blow from Supreme Court against high court order

गुजरात सरकार ने 15 जून 2021 को कथित लव जिहाद को रोकने के लिए 'गुजरात धार्मिक स्वतंत्रता (संशोधन) अधिनियम 2021' लागू किया था। जिसका मुस्लिम संगठनों ने विरोध किया। उनकी याचिका आने पर गुजरात हाईकोर्ट ने सुनवाई की। उसके बाद हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि इस कानून के प्रावधान उन पर लागू नहीं हो सकते हैं, जिन्होंने अंतर-धार्मिक विवाह में बल या धोखाधड़ी का कोई सबूत नहीं दिखाया। कोर्ट ने कहा था कि जब तक ये साबित नहीं हो जाता कि लड़की को लालच देकर फंसाया गया है, तब तक किसी व्यक्ति के खिलाफ FIR दर्ज न की जाए। हाईकोर्ट ने ये भी फैसला सुनाया था कि वयस्कों के बीच स्वतंत्र सहमति और प्रलोभन या धोखाधड़ी के बिना अंतर-धार्मिक विवाह को "गैरकानूनी रूपांतरण के उद्देश्य से विवाह नहीं कहा जा सकता।"

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Gujarat Government Big Blow from Supreme Court against high court order

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हाईकोर्ट ने एक याचिका के जवाब में अंतरिम आदेश पारित किया था, जिसमें 2021 के संशोधन को चुनौती दी गई थी। इसके बाद सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया। अब माना जा रहा है कि, सुप्रीम कोर्ट ने मामले का परीक्षण करेगा।

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English summary
Gujarat Government Big Blow from Supreme Court against high court order
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