गुजरात में आज से चलने लगीं बसें, खुले सरकारी दफ्तर, सचिवालय से भी काम शुरू
गांधीनगर। गुजरात में सचिवालय समेत सभी सरकारी कार्यालय सोमवार से शुरू होने लगे। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने यह घोषणा की। रूपाणी ने अनलॉक-1 की गाइडलाइंस की घोषणा करते हुए कहा कि कंटेनमेंट जोन में सिर्फ आवश्यक सेवाएं चालू रहेंगी, जबकि शेष गुजरात में सुबह 8 से शाम 7 बजे तक व्यापार, उद्योग व सरकारी गैर-सरकारी कार्यालय सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क एवं सैनिटाइजिंग की शर्तों के साथ खोले जा सकेंगे।
राज्य परिवहन व बीआरटीएस बसों का संचालन भी शुरू
परिवहन
विभाग
के
अनुसार,
राज्य
परिवहन
व
बीआरटीएस
बसों
का
संचालन
60
फीसद
सिटिंग
के
साथ
शुरू
होगा,
वहीं
दो
माह
से
अधिक
समय
से
बंद
अहमदाबाद-गांधीनगर
की
बस
सेवा
भी
सोमवार
से
शुरू
की
गई
है।
इस
संबंध
में
परिवहन
मंत्री
आर.
सी.
फलदू
राज्य
सरकार
के
सरकारी
कार्यालयों
के
कर्मचारियों
के
लिए
एसटी
की
ओर
से
अहमदाबाद-गांधीनगर
के
बीच
प्वॉइंट
बस
सेवा
भी
1
जून
से
शुरू
कर
दी
गई
है।
अहमदाबाद
में
कोरोना
वायरस
के
संक्रमण
से
प्रभावित
इलाकों
को
छेाड़कर
वहां
से
गांधीनगर
के
लिए
एसटी
बसें
चलाई
जाएंगी।
परिवहन
मंत्री
ने
कहा
कि
गृह
विभाग
की
अधिसूचना
के
मुताबिक,
इस
परिवहन
बस
सेवा
में
यात्रियों
की
क्षमता
के
50
फीसदी
यात्री
ही
बिठाए
जाएंगे।
यह
बस
सेवा
प्वॉइंट
टू
प्वॉइंट
शुरू
की
जाएगी।
सचिवालय में हाईकोर्ट से ज्यादा लोग आ रहे
इधर, राज्य में सचिवालय अब भी खोल दिया गया है और सचिवालय जाने वाले लोगों की संख्या उच्च न्यायालय जाने वाले लोगों की तुलना में अधिक है। वहीं, गुजरात उच्च न्यायालय अधिवक्ता संघ ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर फिज़िकल कोर्ट मेंं काम शुरू करने का अनुरोध किया है। इस विषय में एक जनमत संग्रह किया गया और फिर मतदान के लिए रखा गया। एजेंडा यह था कि क्या बार के सदस्य अदालत का फिज़िकल कामकाज चाहते हैं या वर्चुअल कोर्ट के कामकाज को पसंंद करते हैं। कोर्ट के फिज़िकल कामकाज के पक्ष में कई कारण बताए गए। जिनमें, यह भी कहा गया कि, राज्य सरकार ने पूजा स्थलों के अलावा मॉल और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर खोलने सहित लगभग सभी व्यावसायिक गतिविधियों की अनुमति दे दी है। सरकार ने खुद लगभग ढाई महीने के बाद लगभग सभी व्यावसायिक गतिविधियों को खोलने को उपयुक्त माना। इसी वजह से सरकारी दफ्तर खोले गए हैं।
हाईकोर्ट से फिज़िकल कामकाज शुरू करने का आग्रह
मुख्य न्यायाधीश से अनुरोध किया गया कि वे इस तरह का विचार करें कि फिज़िकल सुनवाई के माध्यम से उच्च न्यायालय को खोलने में कोई बुराई नहीं है। इसे लेकर एक प्रतिष्ठित डॉक्टर ने भी एक वेबिनार में कई सावधानियों का सुझाव दिया और कहा कि न्यायालय सुरक्षित रूप से किसी भी जोखिम के बिना फिज़िकल सुनवाई के लिए फिर से खोले जा सकते हैं।
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