मंदिर-मस्जिद और किसी भी उत्सव में नहीं बजाने दिया जाएगा लाउडस्पीकर, अब ये भी नहीं होगा
अहमदाबाद। महामारी को नियंत्रित करने के लिए कोरोना लॉकडाउन के इन दिनों पुलिस-प्रशासन की सख्ती बढ़ती जा रही है। यूं तो सभी धर्मों के आस्था के केंद्र, पूजा-इबादतगाह आदि पर रोक है। मगर, कहीं-कहीं लाउडस्पीकर और भोंगा बजाए जा रहे हैं। इन पर राज्य में अब रोक लगा दी गई है। गुजरात सरकार के गृह मंत्रालय ने एक आदेश जारी कर इस बारे में साफ कर दिया। कहा गया कि मंदिर में आरती, मस्जिद में अजान हो या किसी भी तरह के अन्य सामाजिक धार्मिक उत्सव हों, लाउडस्पीकर इस्तेमाल नहीं करने दिया जाएगा।
इसके अलावा स्थिति सामान्य होने तक गांव-शहरों में किसी भी तरह के धार्मिक, सामाजिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर भी रोक है। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से कोरोना महामारी के चलते जारी एक गाइडलाइन के तहत ही राज्य सरकार ने एक परिपत्र जारी कर प्रदेश में किसी भी तरह के सामाजिक आयोजन, धार्मिक आयोजन, मेले या उत्सवों पर रोक लगाई है। इन्हीं के साथ लाउडस्पीकर के उपयोग को भी प्रतिबंधित कर दिया है।
वहीं, लाउडस्पीकर के उपयोग नहीं करने के इस आदेश पर अल्पसंख्यक संयोजन समिति के मुजाहिद नफीस ने नाराजगी जताई है। मुजाहिद नफीस ने कहा कि, रमजान का पवित्र महीना चल रहा है। मुस्लिम समुदाय के लोग अजान सुनकर ही सहरी व इफ्तारी करते हैं। सरकार व गृह मंत्रालय को चाहिए कि लाउडस्पीकर का डेसीबल तय करके कम आवाज में लाउडस्पीकर की मंजूरी दे दें। इससे हमारे रोजेदार व नमाजियों को समस्या तो नहीं होगी।
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