गुजरात: 1 दिन में 4 एशियाई शेरों के शव मिले, कोरोना-लॉकडाउन में कैसे हुई मौत?
राजकोट/अमरेली। कोरोना महामारी के बीच गुजरात में शेरों की मौत के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। यहां अब एक दिन में 4 एशियाई शेरों के शव मिले हैं। 2 शेरों के शव अमरेली जिले के धारी गिर पूर्व जोन में मिले, जबकि एक शावक खांभा पीपलवा राउंड के डंकीवाला इलाके में मृत पड़ा मिला। वहीं, सावरकुंडला के मितियाणा अभ्यारण्य में भी शेरनी का शव पाया गया।
एक दिन में 4 शेरों के शव मिले
इन शेर-शेरनी की मौतों की वजह का पता नहीं चल सका है। वन विभाग के उच्चाधिकारियों ने अपने कर्मियों के साथ घटनास्थलों से शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया है। उनकी एनिमल केयर सेंटर पर जांच-पड़ताल चल रही है। इससे पहले मई के मध्य में भी कई शेरनियों की लाश बरामद की गई थीं। 14 मई को अमरेली जिले की धारी के निकट गोविंदपुर के राजस्व इलाके में बगीचे के पास शेरनी मृत मिली थी। फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के मुताबिक, यह शेरनी कनूभाई सतासिया नामक किसान के बगीचे में मृत मिली। जहां आरएफओ, रेंज फॉरेस्टर, बीट गार्ड, ट्रैकर्स पहुंचे और शेरनी के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए ले गए। उसके अलावा 2 और लाशें भी मिली थीं।
3 से 5 वर्ष होती है शेरनियों की उम्र
रेंजर ने कहा कि, पिछले दिनों में धारी गिर पूर्व के 3 शेरनियों की मौत हो चुकी है। हडाला रेंज में भी शेरनी का शव मिला था। उसके अलावा तुलसीश्याम रेंज के सोसारिया राजस्व इलाके में भी शेरनी की मौत हुई। इन दिनों जबकि, देश में कोरोना महामारी फैल रही है तो इंसान भी जंगल में नहीं आ-जा रहे, फिर शेर-शेरनियों की मौत कैसे हुई? यह सवाल उठ रहे हैं। सामान्यत: शेरनी की उम्र 3 से 5 वर्ष की होती है।
कोरोना-लॉकडाउन में मानवीय दखल नहीं होना अच्छा रहा
पशु-विशेषज्ञों के अनुसार, कोरोना-लॉकडाउन के दौरान जंगलों में ज्यादा मानवीय दखल नहीं होने के कारण एशियाई शेरों को काफी अनुकूल परिस्थिति मिली। मगर, मौतें क्यों हो रही हैं, यह समझ से परे है।' बताया जा रहा है कि, मई 2015 में अंतिम बार शेरों की गणना हुई थी, तब शेरों की संख्या 523 थी। अब यह बताया जा रहा है कि इनकी संख्या 800 से ज्यादा हो गई।
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