हिंदू मां पर दर्ज हुआ बेटे को ईसाई बनाने का केस, गुजरात में 8 साल बाद हुई कार्रवाई
आणंद. गुजरात में एक हिंदू मां के खिलाफ अपने बेटे को ईसाई बनाने के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ है। एक शख्स ने शिकायत की थी कि महिला ने अपने पति की बिना इजाजत के ऐसा किया था। महिला ने बेटे के धर्मांतरण से पहले जिलाधिकारी की अनुमति भी नहीं ली थी। बेटे के धर्मांतरण का मामला 8 साल पहले का है, जब उसे ईसाई बना दिया गया। हालांकि, महिला के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर को कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने गलत बताया गया है।
संवाददाता के अनुसार, आणंद जिले में महिला के खिलाफ गुजरात फ्रीडम ऑफ रिलीजन एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। दरअसल, साल 2013 में आणंद जिले के निवासी धर्मेंद्र राठौड़ ने महिला के खिलाफ आणंद कलेक्ट्रेट में शिकायत की थी। राठौड़ का आरोप है कि हिंदू महिला ने जिलाधिकारी और अपने पति की इजाजत के बगैर 8 साल के बेटे का धर्मांतरण (बैपटिज्म) कराया था।
महिला का पति गुमशुदा है। इस मामले की जांच बीते 8 सालों से लंबित थी। आणंद जिलाधिकारी द्वारा अब इस मामले में पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं और कहा है कि, परिजनों ने बिना आधिकारिक मंजूरी के अपने बेटे को ईसाई बनाया। जो कि गुजरात के फ्रीडम ऑफ रिलीजन एक्ट का उल्लंघन है। जो 2003 से गुजरात में लागू किया गया है। कानून का मकसद जबरन, धोखाधड़ी या लालच से होने वाले धर्मांतरण को रोकना है।
हालांकि सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि महिला ने 8 अप्रैल 2012 को चर्च जाकर वहां के पादरियों से विनती की थी, जिसके बाद उसके बेटे का बैपटिज्म किया गया। कोई बच्चा मर्जी से अपना धर्म नहीं चुन सकता। इसलिए महिला के खिलाफ एफआईआर करने की जरूरत ही नहीं है।
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