कृषि कानून: किसानों का अहमदाबाद में जमावड़ा कल, दक्षिण गुजरात से आंदोलन की सरगर्मी
अहमदाबाद। केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों संगठनों का विरोध-प्रदर्शन तेज होता जा रहा है। इस आंदोलन की सरगर्मी गुजरात में भी दिख रही है। दक्षिण गुजरात के कई स्थानों पर किसान एकत्रित हो चुके हैं। कल यानी कि, 6 दिसंबर को प्रदेश के किसान संगठन के पदाधिकारी अहमदाबाद में जुटेंगे। जहां आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे। माना जा रहा है कि, हजारों किसान सड़कों पर उतरेंगे। इससे यह आंदोलन गुजरात में भी बड़ा रूप ले सकता है। यहां पिछले दिनों किसान संगठन के सूरत के पदाधिकारियों ने सवाल उठाया कि, केंद्र सरकार ने ये 3 कृषि कानून बनाने से पहले कोई चर्चा नहीं की।
6
दिसंबर
को
बैठक,
10
दिसंबर
फिर
जुटेंगे
दक्षिण
गुजरात
किसान
संघ
के
अध्यक्ष
रमेश
पटेल
ने
बताया
कि,
कई
जिलों
के
पदाधिकारी
और
किसान
6
दिसंबर
को
अहमदाबाद
में
बैठक
करेंगे।
जहां
आगे
की
रणनीति
तय
की
जाएगी।
इसके
बाद
प्रदेशभर
के
किसान
10
दिसंबर
को
बारडोली
में
जुटेंगे।
उन्होंने
कहा
कि,
हम
तीनों
कृषि
कानूनों
का
किसान
विरोध
कर
रहे
हैं।
दक्षिण
गुजरात
में
कुल
साढ़े
पांच
लाख
किसान
हैं,
जिसमें
ढाई
लाख
धान,
30
से
50
हजार
गन्ने
और
ढाई
लाख
गन्ने
की
खेती
करते
हैं।
सभी
डरे
हुए
हैं,
क्योंकि
सरकार
को
पहले
हमें
कानूनों
के
बारे
में
मशविरा
करना
चाहिए
था।
गौरतलब है कि, कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों के आंदोलन को 9 दिन पूरे हो चुके हैं। इस दौरान 10 राज्यों में सड़कें जाम की गईं। अब उत्तर भारत में 8 दिसंबर को बड़ा बंद आयोजित किया जाएगा। दिल्ली में आज यानी कि शनिवार को 10वें दिन भी किसानों की सरकार के प्रतिनिधियों से वार्ता जारी है।
बता दिया जाए कि, आज दोपहर 2 बजे से सरकार और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच 5वें दौर की बातचीत होगी। इससे पहले किसान कह चुके हैं कि, अगर कानून वापस नहीं लिया गया तो वे 8 दिसंबर को भारत बंद करेंगे। किसानों ने सभी टोल प्लाजा पर कब्जे की भी चेतावनी दी है। किसानों का आरोप है कि, केंद्र सरकार द्वारा किसान विरोधी 3 कृषि कानूनों को संसद में बिना चर्चा के मंजूर करा लिया गया।