भारी बारिश के बाद द्वारका नगरी पानी में ऐसे डूबी, लोग छतों पर रहने लगे, 1 की मौत
द्वारका/जामनगर। गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में तेज बारिश का दौर जारी है। जिससे कई जिलों में जलभराव की समस्या व्याप्त हो गई है। यहां कच्छ से नीचे द्वारका नगरी तीसरे दिन भी पानी में डूबी रही। जगह-जगह दुकानों व घरों में 2-3 फीट पानी भरा हुआ है। कहीं कहीं 6 से 7 फीट तक भी पानी भर गया है। ऐसे में लोग घरों की छतों पर रहने को मजबूर हैं। संवाददाता के मुताबिक, द्वारका के तोताद्रिमठ, रुपेण बंदर, फुलवाड़ी, गुरुद्वारा, इस्कॉन गेट जैसे कई इलाको में 4 से 5 फीट तक पानी भरा हुआ है।
लगातार चौथे दिन बारिश होती रही
यहां इस्कॉन मंदिर के गेट के पास पानी में डूब जाने से 26 वर्षीय युवक की मौत हो गई। उसका नाम होथीभा सुमनिया था। ड्रोन से ली गई फोटो में दिख रहा है कि, लोग छतों पर रह रहे हैं, क्योंकि नीचे घर पानी से भरे हुए हैं। द्वारका भगवान श्रीकृष्ण की नगरी रही है, इन दिनों बाढ़ की वजह से यहां हालत खराब हैं। बारिश लगातार चौथे दिन भी होती रही।
ज्यादातर नदियां उफान पर
रविवार से मंगलवार तक की भयंकर बारिश के चलते गुजरात के निचले इलाकों में पानी भर गया। सौराष्ट्र की शैत्रुंजी, भादर, वासवाडी, वेणु, कंडावती, सोमज, रावल, ओझत, न्यारी, मछुंद्री और ढाढर नदियां उफान पर आ गईं। जिसके चलते आजी, ओजत, न्यारी, वेणु, शैत्रुंजी समेत 10 से अधिक बांधों के गेट खोल दिए गए। इस बीच जामनगर से चौंका देने वाली तस्वीरें सामने आईं। यहां वाडी इलाके में पानी इस कदर भरा कि, उसमें नहाते बच्चे किसी स्वीमिंग पूल की तरह दिख रहे थे।
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रेलवे स्टेशन ऐसे दिखा जैसे पैलेस हो
वहीं, जामनगर में रेलवे स्टेशन और उसके आसपास जल-भराव हो गया। ड्रोन से ली गई तस्वीर में पूरा इलाका जलमग्न दिखाई दिया। वहां खड़े ट्रकों के पहिए पूरी तरह डूबे हुए थे। कई वाहनों की तो छत तक पानी था। बारिश के बाद बाढ़ से उपजे हालातों में मटमैले पानी से रेलवे स्टेशन का परिसर और इलाका किसी महल जैसा प्रतीत होने लगा। पता चला है कि, जामनगर की रंगमती नदी के अलावा कई छोटी नदियां भी उफान पर हैं, जिससे जामनगर से जुड़ने वाले 6 गांव संपर्कविहीन हो गए हैं।