गुजरात में 'धमण-1' वेंटिलेटर मरीजों को नहीं बचा पा रहे, करीबी कारोबारी से हुई खरीद पर घिरी सरकार
राजकोट। कोरोना मरीजों के लिए अस्पतालों में खरीदे गए धमण-1 वेंटिलेटर्स के विवाद पर गुजरात सरकार का कहना है कि ये कारगर हैं। सरकार ने कहा है कि, स्थानीय स्तर पर निर्मित व कम कीमत वाले इन वेंटिलेटर्स को खराब बताना ठीक नहीं है।इस मामले में स्वास्थ्य विभाग की प्रधान सचिव डॉ. जयंती रवि बोलीं कि, मेडिकल डिवाइस रूल्स 2017 के अनुसार इन वेंटीलेटर को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीजीसीआई) से लाइसेंस लेने की जरूरत नहीं है। पुडुचेरी व महाराष्ट्र सरकार ने भी 'धमण-1' की खरीद में दिलचस्पी दिखाई है, जबकि केंद्र सरकार की एचएलएल लाइफकेयर ने तो 5,000 यूनिट की खरीद के लिए ऑर्डर भी दे दिया है।
वेंटिलेटर्स के नाम पर 'धमण-1' से घोटाले के आरोप
मालूम हो कि, राज्य के ज्यादातर अस्पतालों में डॉक्टरों ने इन वेंटिलेटर को मरीजों के लिए नुकसानदेह बताया है। मरीजों के उपचार में 'धमण-1' फेल साबित हुए। जिससे कई मरीजों की जान चली गई। इन वेंटिलेटर को राजकोट की एक कंपनी ज्योति सीएनसी ने कोरोना मरीजों के लिए तैयार किया था। जिन्हें धमण-1 नाम दिया गया और कीमत एक लाख रुपये तय की गई। इस कंपनी का प्रमोटर भाजपा के शीर्ष नेताओं का करीबी होने के कारण कांग्रेस भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही है। यहां कई अस्पतालों में 'धमण-1' की क्वालिटी को लेकर सवाल उठ रहे हैं। विपक्षियों द्वारा कहा जा रहा है कि, भाजपा सरकार ने अपने करीबी कारोबारी को फायदा पहुंचाने के लिए इन वेंटिलेटर्स की खरीद की और मरीजों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया है।
जयंती रवि बोलीं— कंपनी ने 1000 वेंटिलेटर फ्री दिए
वहीं, इस मामले में सरकार की ओर से जयंती रवि ने सफाई दी कि, उक्त कंपनी ने तो 1000 वेंटिलेटर फ्री दिए हैं, तो भ्रष्टाचार होने का सवाल ही क्यों उठे। जयंती ने यह भी कहा कि, 'कोरोना संक्रमण की महामारी के चलते जब दुनिया के साथ-साथ गुजरात में भी वेंटिलेटर का घोर अभाव था, तब ज्योति सीएनसी ने राज्य सरकार को 866 'धमण-1' वेंटिलेटर प्रोवाइड कराए। यह भी अन्य वेंटिलेटरों की तरह ही काम कर रहे हैं। इसे इलेक्ट्रॉनिक एंड क्वालिटी डेवलपमेंट सेंटर (ईक्यूडीसी) ने प्रमाणित किया है।'
डॉक्टर बोले- उच्च गुणवत्ता वाले वेंटीलेटर दे सरकार
'धमण-1' वेंटिलेटर के सौदे का इसी तरह डिप्टी सीएम नितिन पटेल ने भी बचाव किया है। इससे पहले 'धमण-1' को बनाने वाली कंपनी के मालिकों एवं सरकारी दावों के उलट अहमदाबाद के सरकारी अस्पताल ने सरकार को पत्र लिखकर कहा कि 'धमण-1' अपेक्षा के अनुरूप कारगर नहीं हैं। इनसे मरीजों को सांस लेने में काफी तकलीफ हो रही है। इसलिए, उच्च गुणवत्ता वाले वेंटीलेटर प्रदान किए जाएं। क्योंकि, एक अच्छा वेंटिलेटर अमूमन 5 से 6 लाख रुपए में आता है, लेकिन ये जो 1 लाख की कीमत का 'धमण-1' वेंटिलेटर दिया गया है, यह तो एम्बू बैग की तरह है।
कांग्रेस ने लगाए ये आरेाप, पुदुच्चेरी ने भी सौदा रद्द किया
कांग्रेस के गुजरात प्रदेशाध्यक्ष अमित चावडा ने मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का संबंध ज्योति सीएनसी कंपनी से जोड़ते हुए आरोप लगाया है कि वह अपने मित्र की कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए उसके वेंटिलेटर की मार्केटिंग कर रहे हैं। जबकि सच यह है कि, डॉक्टर भी इन वेंटिलेटर को धता बता चुके हैं। इन वेंटिलेटर मशीनों को लेकर हुए प्रचार के बाद कुछ राज्यों ने भी कोविड-19 से निपटने की तैयारी के मद्देनजर इसके ऑर्डर दिए, लेकिन 20 मई को पुदुचेरी के मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी ने ट्विटर पर लिखा कि वे उनके प्रदेश के लिए दिए गए धमण-1 के ऑर्डर को रद्द कर रहे हैं।
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