‘अमित शाह हैं हत्या के आरोपी’, बयान पर राहुल गांधी को अदालत ने दी राहत, पेशी से छूट मिली
अहमदाबाद। राहुल गांधी को अहमदाबाद की अदालत ने आपराधिक मानहानि के एक मामले में पेशी से स्थायी छूट दे दी है। मानहानि का यह मामला केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ राहुल गांधी की टिप्पणी का है। जिसमें उन्होंने शाह को 'हत्या का आरोपी' बताया था। जिस पर भाजपाइयों द्वारा राहुल के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज करा दिया गया था। तब से राहुल गांधी अदालत में इस केस का सामना कर रहे हैं।
राहुल गांधी के वकील ने अदालत में अपना पक्ष रखते हुए (उनके मुवक्किल यानी कि राहुल गांधी को) पेशी से स्थायी छूट देने की मांग की थी। जिसके पीछे उन्होंने तर्क दिया था कि वह एक राष्ट्रीय सियासी दल के नेता हैं और उनकी अनेक व्यस्तताएं हैं। ऐसे में वह बार बार खुद अदालत आने में असमर्थ हैं। अब अदालत ने इसी याचिका को स्वीकार किया है। इसकी जानकारी देते हुए राहुल के वकील ने कहा कि ''मंगलवार को अदालत में अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट आर.बी. इटालिया ने उनके मुवक्किल की पेशी से छूट का अनुरोध करने वाली याचिका को मंजूरी दी है। अब राहुल को खुद अदालत में पेश होने नहीं आना पड़ेगा।'
बता दें कि, राहुल गांधी के वकील ने पिछले वर्ष सितंबर में अदालत से इसी छूट की मांग की थी। उधर, उनसे पहले राहुल के खिलाफ शिकायत करने वाले भाजपा पार्षद कृष्णवदन ब्रह्मभट्ट के वकील ने स्थगन की मांग की थी, जिसके चलते याचिका पर सुनवाई में विलंब हुआ। अब जाकर इस मामले पर अदालत ने राहुल गांधी को राहत दी है। कृष्णवदन ब्रह्मभट्ट गुजरात में सत्तारूढ़ भाजपा के नेता तथा स्थानीय महानगरपालिका के निर्वाचित सदस्य हैं। ब्रह्मभट्ट ने राहुल गांधी द्वारा पिछले साल लोकसभा चुनाव से पहले मध्यप्रदेश के जबलपुर की एक सभा में अमित शाह को हत्या का आरोपी कहे जाने पर राहुल के खिलाफ केस दर्ज करा दिया था। तब राहुल को अदालत में पेश होकर ज़मानत भी लेनी पड़ी थी।
संवाददाता के अनुसार, अभी गुजरात की दो अन्य अदालतों में भी राहुल गांधी के ख़िलाफ़ मानहानि सम्बंधी दो अन्य मामले चल रहे हैं। कथित तौर पर 'सभी मोदी चोर हैं' कहने पर उनके ख़िलाफ़ भाजपा के नेता पूर्णेश मोदी ने सूरत में मामला दर्ज कराया था। जबकि, पूर्व में नोटबंदी के बाद अहमदाबाद सहकारी बैंक पर 750 करोड़ रुपए के पुराने नोट बदलने का आरोप लगाने पर बैंक अध्यक्ष अजय पटेल ने भी अहमदाबाद की एक अन्य अदालत में मानहानि का मामला दर्ज कराया था। शाह इस बैंक के निदेशकों में एक थे। इस मामले में पेशी से छूट की उनकी अर्ज़ी पर अदालत ने अपना फ़ैसला सुरक्षित रखा है।