कॉलेज में 68 छात्राओं के इनर-वियर उतरवाने के मामले पर गुजरात के CM बोले- सख्त कार्रवाई होगी
अहमदाबाद. गुजरात में भुज के श्री सहजानंद गर्ल्स इंस्टीट्यूट (SSGI) के हॉस्टल में 68 लड़कियों के इनरवियर उतरवाने के मामले में मुख्यमंत्री ने संज्ञान लिया है। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने शनिवार को कहा, 'वहां जो भी हुआ, सरकार ने उस घटना को बहुत गंभीरता से लिया है। गृह विभाग और शिक्षा विभाग को सख्त कार्रवाई करने के आदेश जारी किए हैं। कल उसकी एफआईआर दर्ज की गई थी।''
छात्राओं ने कहा- कपड़े उतरवाकर अपमानित किया
उक्त हॉस्टल में रह रहीं लड़कियों ने अपने साथ दुर्व्यवहार होने की शिकायत की थी। उन्होंने बताया था कि वार्डन एवं प्रिंसिपल ने हम 68 छात्राओं को एक लाइन में खड़ा करके अपमानित किया। इनरवियर उतरवाकर चेक किए गए। कथिततौर पर ऐसा इसलिए किया गया, ताकि यह पता लगाया जा सके कि वे मासिक धर्म से तो नहीं हैं। छात्राओं के सामूहिक विरोध की तस्वीरें सामने आने के बाद यह मामला सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया। लोग उस कॉलेज-प्रशासन की खिंचाई करने लगे।
घटना पर कॉलेज-प्रशासन ने दी सफाई
मामले को तूल पकड़ता देख सहजानंद गर्ल्स कॉलेज की डीन दर्शना ढोलकिया सफाई दी है। दर्शना ढोलकिया ने न्यूज एजेंसी से बातचीत में कहा कि, इनरवियर उतरवाने का मामला हॉस्टल का है और इसका कॉलेज या यूनिवर्सिटी से कोई लेना देना नहीं। जो कुछ भी हुआ, वह लड़कियों की मर्जी से हुआ है। किसी ने न कोई दबाव डाला और ना ही किसी ने उन्हें छुआ।' हालांकि, मामले की जांच शुरू हो गई।
यहां पढ़ते हैं करीब 1,500 विद्यार्थी
श्री सहजानंद गर्ल्स इंस्टीट्यूट भुज के स्वामीनारायण मंदिर के अनुयायियों की देन है। इसकी स्थापना वर्ष 2012 में हुई थी और 2014 में यह श्री स्वामीनारायण कन्या मंदिर के परिसर में बदल गया। यहां बीकॉम, बीएससी और बीए जैसे विभिन्न पाठ्यक्रमों में लगभग 1,500 विद्यार्थी नामांकित हैं। कॉलेज के कैंपस में बोर्डिंग की सुविधा है और 68 लड़कियां, जो दूरदराज के गांवों से आती हैं, कॉलेज के हॉस्टल में रहती हैं।
माहवारी वाली छात्राओं से होता है बुरा बर्ताव
'स्वामीनारायण' संप्रदाय के मानदंड ऐसे हैं, जो कहते हैं कि मासिक-धर्म वाली महिलाओं को रसोई और मंदिर में प्रवेश नहीं करना चाहिए। उन्हें साथी विद्यार्थियों को छूने से भी रोक दिया जाता है। बीते दिनों हॉस्टल की वार्डन ने प्रिंसिपल रीता रणिंगा से शिकायत की कि कुछ छात्राएं जो माहवारी से गुजर रही थीं, उन्होंने न केवल साथी हॉस्टलर्स के साथ छेड़छाड़ की, बल्कि रसोई में भी काम किया और कॉलेज परिसर में स्थित मंदिर भी गईं।
'जिन्हें पीरियड्स हो रहे थे, उन्हें अलग किया'
हॉस्टल की एक छात्रा दुर्गा ने बताया कि गुरुवार को, व्याख्यान के दौरान हमें कक्षाओं से बाहर आने और गलियारे में कतार लगाने के लिए कहा गया था। उसने कहा कि प्रिंसिपल ने हमारा अपमान किया और दुर्व्यवहार कराया। हमसे सवाल किया गया कि क्या वे माहवारी से गुजर रही हैं? हममें से दो लड़कियां, जिन्हें पीरियड्स हो रहे थे, उन्हें साइड में भेज दिया गया।
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