गुजरात में 14 साल पहले फैला था बर्ड फ्लू, अब यहां काफी पक्षी मरे, पोल्ट्री फार्मों के संचालक भयभीत
Bird flu alert in Gujarat, सूरत। कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच एक और महामारी फैलने का आशंका जताई जा रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि, देश के कई राज्यों में काफी संख्या में मृत पक्षी मिले हैं। इससे वन्य-जीव विशेषज्ञ और वैज्ञानिकों की चिंता ज्यादा बढ़ गई है। वे यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर पक्षियों की मौत के पीछे वजह क्या है। राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल और झारखंड समेत करीब 8 राज्यों में 'बर्ड-फ्लू' के लक्षण मिले हैं। वहीं, गुजरात में भी बतख, टिटहरी,बगुला और कौए जैसे पक्षी मृत पाए जा रहे हैं।
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2006
में
सामने
आया
था
बर्ड
फ्लू
हालांकि,
गुजरात
के
सरकारी
तंत्र
ने
अभी
सूबे
में
'बर्ड-फ्लू'
की
पुष्टि
नहीं
की
है।
इस
राज्य
में
14
साल
पहले
बर्ड
फ्लू
के
मामले
सामने
आए
थे।
एक
पोर्टल
की
रिपोर्ट
के
मुताबिक,
वर्ष
2006
में
सूरत
जिले
की
उच्छल
तहसील
में
बर्ड
फ्लू
का
पाजिटिव
केस
मिला।
तब
काफी
पक्षियों
की
जान
गई।
हालांकि,
उसके
बाद
प्रदेश
में
बर्ड
फ्लू
का
कोई
मामला
सामने
नहीं
आया।
बहरहाल,
निकटवर्ती
प्रांतों
में
बर्ड-फ्लू
फैलने
की
खबरों
से
गुजरात
का
पशुपालन
विभाग
भी
चिंतित
हो
उठा
है।
VIDEO: राजस्थान के बाद गुजरात में भी बतख-टिटहरी-बगुला जैसे पक्षी मृत पाए गए, अलर्ट जारी
पोल्ट्री
फार्म
के
संचालक
दहशत
में
भरुच
जिले
में
100
से
ज्यादा
पोल्ट्री
फार्म
के
संचालकों
को
सतर्क
रहने
के
लिए
कहा
गया
है।
एक
अधिकारी
ने
संचालकों
से
कहा
कि,
आपके
फार्मां
में
मुर्गों
की
शंकास्पद
मौत
होने
पर
तत्काल
पशुपालन
विभाग
को
जानकारी
देनी
होगी।
बताया
जा
रहा
है
कि,
भरुच
शहर
के
भीतर
एक
भी
पोल्ट्री
फार्म
नहीं
है,
मगर
शहर
के
आउट
स्कर्ट
व
जिले
में
100
से
ज्यादा
पोल्ट्री
फार्म
स्थित
हैं।
इसी
तरह
सूरत
जिले
में
भी
सैकड़ों
पोल्ट्री
फार्म
हैं।
वहां
के
संचालक
भी
बर्ड-फ्लू
की
वजह
से
दहशत
में
हैं।
बर्ड फ्लू का खतरा: गुजरात में मृत मिले 40 कौए और बगुले, जांच के लिए भोपाल भेजे गए सैंपल