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भारत बंद: गुजरात में धारा-144, किसानों के समर्थन में उतरे टेक्सटाइल लेबर और ट्रांसपोर्ट के संगठन

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सूरत। केंद्र सरकार के 3 नए कृषि कानूनों के खिलाफ 13 दिन से प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों का आज 'भारत बंद' है। इस बंद का असर गुजरात में भी देखा जा रहा है। यहां दक्षिणी गुजरात के हजारों किसान इस बंद को समर्थन करने का ऐलान किए हैं। किसान संगठनों के समर्थन में टेक्सटाइल लेबर व ट्रांसपोर्ट के 3 संगठनों ने भी हामी भरी है। हालांकि टेक्सटाइल व डायमंड इंडस्ट्री के काफी कारोबारियों ने इस बंद में शामिल होने से भी इनकार किया है। इसकी वजह गुजरात सरकार व पुलिस की सख्ती बताई जा रही है। चूंकि, बीते रोज ही राज्य के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने साफ कह दिया था कि, गुजरात इस तरह के बंद को समर्थन नहीं करता।

राज्य में धारा—144 लागू कर दी गई

राज्य में धारा—144 लागू कर दी गई

रूपाणी ने मीडिया के समक्ष कहा, "किसान संगठनों द्वारा किए गए भारत बंद के आह्वान का गुजरात समर्थन नहीं कर रहा है। अगर कोई जबरदस्ती दुकानों और अन्य प्रतिष्ठानों को बंद करने की कोशिश करता है तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।" इसी के मद्देनजर पुलिस ने तैयारियां की हैं और राज्य में धारा-144 लागू कर दी गई है। जिसके तहत चार से ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगाया गया है। यहां कई स्थानों पर सुबह 7 बजे से पुलिस का चुस्त बंदोबस्त देखा गया है। साथ ही जबर्दस्ती बंद कराने वालों पर कार्रवाई करने की चेतावनी दे दी गई है।

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शहर के जरूरी पॉइंट्स पर खास बंदोबस्त

शहर के जरूरी पॉइंट्स पर खास बंदोबस्त

भारत-बंद को विफल करने की राज्य सरकार व पुलिस द्वारा कई तरीके की तैयारियां की गई हैं। सूरत के बात करें, तो भारत बंद को देखते हुए पुलिस ने शहर के जरूरी पॉइंट्स पर खास बंदोबस्त किया है। पुलिस विशेष रूप से शहर के बस स्टैंड, एपीएमसी सहित उन पॉइंट पर खास नजर रखेगी, जहां बंद कराने की आशंका रहेगी। हालांकि, अभी तक कहा जा रहा था कि, गुजरात के 5 लाख से अधिक किसान भारत बंद को समर्थन दे सकते हैं। मगर, सरकार व पुलिस जाब्ते की तैयारियों के रहते यह नाममुकन लग रहा है।

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सूरत डायमंड एसोसिएशन का यह है रूख

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वराछा मिनी बाजार में किसान आंदोलन के लिए एक दिन के लिए बाजार बंद की अपील करते हुए बोर्ड भी लगाए गए हैं। हालांकि, सूरत डायमंड एसोसिएशन के अध्यक्ष नानू वेकरिया ने कहा कि एसोसिएशन द्वारा किसानों के आंदोलन के कारण बाजार बंद करने या काम बंद करने का कोई सुझाव नहीं दिया गया है। उद्योगों का आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है। उधर, कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के गुजरात चैप्टर के अध्यक्ष प्रमोद भगत ने कहा कि खुदरा व्यापारी देश में कहीं भी आंदोलन में शामिल नहीं होंगे। टेक्सटाइल के संगठन फोस्टा अध्यक्ष मनोज अग्रवाल ने बताया कि मंगलवार, 8 दिसंबर को कपड़ा बाजार सामान्य दिनों की तरह ही चालू रहेगा।

CM रूपाणी बोले- किसानों के भारत बंद का गुजरात समर्थन नहीं कर रहा, कोई जबरदस्ती दुकानें बंद करेगा तो सख्त कार्रवाई होगीCM रूपाणी बोले- किसानों के भारत बंद का गुजरात समर्थन नहीं कर रहा, कोई जबरदस्ती दुकानें बंद करेगा तो सख्त कार्रवाई होगी

स्वेच्छा से शामिल होने की अपील

स्वेच्छा से शामिल होने की अपील

संवाददाता ने बताया कि, टेक्सटाइल लेबर और ट्रांसपोर्ट यूनियन के 3 संगठनों ने भारत बंद को समर्थन दिया है। हालांकि अन्य टेम्पो-ट्रांसपोर्ट काम चालू रखने की बात कह रहे हैं। सूरत जिला टेक्सटाइल मार्केटिंग ट्रांसपोर्ट मजदूर यूनियन के अध्यक्ष उमाशंकर मिश्रा और प्रवक्ता शान खान ने कहा कि सूरत के कपड़ा उद्योग में शामिल श्रमिक और यूनियन भी किसानों के इस संघर्ष में उनके साथ हैं। हम 3 संगठनों ने मिलकर किसान आंदोलन को समर्थन देने का फैसला किया है। लेकिन किसी को जबरन बंद या प्रदर्शन करने को नहीं कहा गया है। श्रमिकों और ट्रांसपोर्टरों से स्वेच्छा से शामिल होने की अपील की गई है।

1971 की लड़ाई लड़ चुके रिटायर्ड फौजी भी किसान आंदोलन में शरीक हुए, बोले- ये हक की लड़ाई है, इस बॉर्डर से हम पीछे नहीं हटने वाले1971 की लड़ाई लड़ चुके रिटायर्ड फौजी भी किसान आंदोलन में शरीक हुए, बोले- ये हक की लड़ाई है, इस बॉर्डर से हम पीछे नहीं हटने वाले

यह बोले मुख्यमंत्री विजय रुपाणी

यह बोले मुख्यमंत्री विजय रुपाणी

भारत बंद के आवाह्न को सीएम विजय रुपाणी ने कांग्रेस की एक साजिश बताया है। उन्होंने कहा है कि, राज्य के किसान सरकार से खुश है और वह इस बंद में शामिल नहीं होंगे। कांग्रेस के कार्यकर्ता यदि जबर्दस्ती बंद कराने का प्रयास करेंगे तो पुलिस कानूनी कार्रवाई करेगी।

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English summary
bharat bandh effect on gujarat: police imposed section 144, organizations of textile labor and transport support to farmers
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