कोरोना पर त्यौहारी उत्साह भारी: डेढ़ गुना किराये के बावजूद रेलों में जगह नहीं, यहां दौड़ रहीं सभी ट्रेन पैक
सूरत। कोरोना महामारी के बीच फेस्टिव सीजन का उत्साह लोगों के बीच साफ नजर आ रहा है। गुजरात से विभिन्न राज्यों तक दौड़ रही ट्रेनों को देखा जाए तो पाएंगे कि डेढ़ गुना किराये के बावजूद भीड़ कम नहीं है। ट्रेनों में यात्रियों के लिए जगह नहीं है। फेस्टिवल स्पेशल ट्रेनों के चलने के बाद भी यात्रियों को टिकट नहीं मिल पा रहे। ज्यादातर ट्रेनें पैक हैं। वहीं, रेलवे उधना-वाराणसी को फेस्टिवल स्पेशल बनाकर बड़ा मुनाफा कमा रही है। इसी तरह कुछ और ट्रेनें भी स्पेशल बनाकर चलाई जा रही हैं।
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अब ट्रेनों में जगह न होने की यह स्थिति कोरोना-लाॅकडाउन के उन दिनों के बिल्कुल उलट है, जब सब कुछ बंद हाेने के चलते मार्च से जून के बीच होने वाली शादियां भी टल गई थी। अब अनलॉक में ढील मिलने के बाद नवंबर और दिसंबर में बड़े पैमाने पर शादियां होंगी। इसके साथ ही नवंबर में दिवाली और बिहार, पूर्वांचल का सबसे बड़ा पर्व छठ पूजा भी है। ऐसे में लाखों लोग अपने गांव कस्बों का रूख करने लगे हैं। हजारों लोग वोट डालने की खातिर पर गुजरात से बिहार पहुंचेंगे।
गुजरात में आज से 40 जोड़ी स्पेशल ट्रेनें दौड़ने लगीं, जानिए कहां-कहां तक कराएंगी सफर
रेलवे की ओर से बताया गया है कि, उधना-वाराणसी फेस्टिवल स्पेशल बनकर चलेगी। उसका किराया भी ज्यादा रखा गया है। इस ट्रेन में स्लीपर और एसी का किराया आम ट्रेनों से अधिक होगा। कोरोना से पहले ये ट्रेन हफ्ते में एक बार चलती थी। अब इसे फिर से इसी शेड्यूल पर शुरू कर दिया गया है, लेकिन फेस्टिवल स्पेशल बनाकर चलाया जा रहा है। एक अधिकारी ने पुष्टि करते हुए कहा कि, ''उधना-मंडुआडीह (वाराणसी) ट्रेन को बहाल कर दिया गया है, पर इसे फेस्टिवल स्पेशल के रूप में चलाया जा रहा है। इसमें स्लीपर का किराया 15% ज्यादा है।''