गुजरात की कंपनी MEIPL ने बनाए वायरस खत्म करने वाले टावर, DRDO से किया समझौता
अहमदाबाद। गुजरात में अहमदाबाद स्थित मोटिवेशन इंजीनियर्स एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड (MEIPL) ने अल्ट्रा वायलेट (यूवी) डिसइंफेक्शन टॉवर बनाने के लिए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के साथ एक प्रौद्योगिकी हस्तांतरण समझौता किया है, जिसे विबान (VIBAN) नाम दिया गया है।
विबान एक अल्ट्रा वायलेट आधारित डिसइंफेक्शन टॉवर है, जो कि किसी इलाके में सैनिटाइजर के तौर पर उपयोग में लिया जाएगा। इसके जरिए उच्च संक्रमण फैलने वाले वाले क्षेत्रों को केमिकल के जरिए डिसइंफेक्टेड किया जा सकेगा। विबान को लेज़र साइंस एंड टेक्नोलॉजी सेंटर (LASTEC) द्वारा डिजाइन किया गया है। यहीं इसे विकसित भी किया जा रहा है। इसके लिए डीआरडीओ की प्रमुख प्रयोगशाला काम पर लगी हुई है।
न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट में आज बताया गया कि, अल्ट्रा वायलेट-आधारित सैनिटाइज़र का उपयोग इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की तरह उच्च तकनीक के तौर पर सतहों और ऐसे क्षेत्रों में भी किया जा सकता है, जहां बड़ी संख्या में लोग हों।
मोटिवेशन इंजीनियर्स एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के एमडी सुनील शाह ने कहा, "हम अगले 10 दिनों में डिवाइस को बाज़ार में लॉन्च करने की उम्मीद कर रहे हैं। अल्ट्रा वायलेट डिसइंफेक्शन टावरों के निर्माण के लिए डीआरडीओ के साथ एक टेक्नोलॉजी ट्रांसफर का एग्रीमेंट हुआ है।"
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एमडी सुनील शाह ने यह भी कहा कि, यह डिवाइस किसी भी सतह से 99.9% वायरस को मिटा सकता है। यह मोशन सेंसर से लैस है और इसे मोबाइल फोन द्वारा संचालित किया जा सकता है। यह किसी भी क्षेत्र को बहुत कम समय में कीटाणुरहित कर सकता है। यानी कोरोना जैसे वायरस का भी खात्मा हो जाएगा।