भरुच: अहमद पटेल की अर्थी को राहुल गांधी ने दिया कंधा, सुपुर्द-ए-खाक में ये कांग्रेस नेता भी पहुंचे
भरुच। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अहमद पटेल गुजरात के भरुच जिला स्थित उनके पैतृक गांव (पिरामण) में दफन किए गए हैं। आज उनकी अंतिम-क्रिया में बड़ी संख्या में कांग्रेस पार्टी के नेता और कार्यकर्ता पहुंचे। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी पटेल की अर्थी को कंधा दिया। कमलनाथ, भूपेश बघेल और सुरजेवाला जैसे बड़े कांग्रेसी नेता भी जनाजे में शामिल हुए। नेताओं की मौजूदगी में सैकड़ों लोगों की भीड़ के साथ पटेल के शव को कब्रिस्तान की ओर ले जाया गया। कब्रिस्तान में अहमद पटेल माता-पिता की कब्र के बगल में दफनाए गए। कांग्रेस के एक नेता ने बताया कि, पटेल के सुपुर्द-ए-खाक में कई राज्यों के कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल होने आए। पटेल जहां दफन किए गए, वह उनका पैतृक गांव (पिरामण) है, जो कि गुजरात के भरूच जिले में है। अहमद की इच्छा थी कि, उन्हें उनकी पैतृक भूमि के सीमाने में ही दफनाया जाए। इसीलिए उन्हें उनके माता-पिता की कब्र के बगल में ही दफनाया गया।'
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अहमद पटेल के अंतिम यात्रा से जुड़ी तस्वीरें सामने आई हैं। देखा जा सकता है कि, राहुल गांधी ने भी अर्थी को कंधा दिया। राहुल के अलावा मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल, कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला भी पिरामण गांव में नजर आए। उनके अलावा भी काफी कांग्रेस नेता उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने पहुंचे, जिनकी भी तस्वीरें सामने आई हैं।
अहमद पटेल के निधन पर बोले हार्दिक पटेल- जब मैंने आंदोलन किया, वो मेरे परिवार की मदद कर रहे थे।
पंचायत के सदस्य थे पटेल के पिता
अहमद पटेल का जन्म भरूच के पिरामण गांव में 1949 को हुआ था। उनका जन्मदिन 21 अगस्त को मनता था। वह मोहम्मद इशाजी पटेल और हवाबेन मोहम्मद की संतान थे। उनके पिता भरूच तहसील की पंचायत के सदस्य और तहसील के चर्चित नेता थे। इसी के चलते शुरुआत से ही अहमद पटेल की राजनीति में रुचि रही और पिता ने भी राजनीतिक करियर बनाने में उनकी खूब मदद की।
28
साल
में
भरूच
से
बन
गए
थे
सांसद
उन्होंने
पहला
चुनाव
1977
में
भरूच
लोकसभा
सीट
से
लड़ा
था
और
62
हजार
879
वोटों
से
जीते
थे।
तब
उनकी
उम्र
सिर्फ
28
साल
थी।
1980
में
पटेल
भरूच
से
ही
82
हजार
844
वोटों
से
और
1984
में
1
लाख
23
हजार
69
वोटों
से
जीत
दर्ज
की
थी।
पटेल
3
बार
लोकसभा
सांसद
(1977
से
1989)
और
4
बार
राज्यसभा
सांसद
(1993
से
2020)
रहे।
सोनिया
गांधी
के
राजनीतिक
सलाहकार
थे
2001
से
पटेल
सोनिया
गांधी
के
राजनीतिक
सलाहकार
थे।
जनवरी
1986
में
वे
गुजरात
कांग्रेस
के
अध्यक्ष
बने
थे।
1977
से
1982
तक
यूथ
कांग्रेस
कमेटी
के
अध्यक्ष
भी
रहे।
उसके
बाद
सितंबर
1983
से
दिसंबर
1984
तक
वे
कांग्रेस
के
जॉइंट
सेक्रेटरी
रहे।
बाद
में
उन्हें
कांग्रेस
का
कोषाध्यक्ष
बनाया
गया।
अहमद
पटेल
के
परिवार
में
एक
बेटा
और
बेटी
राजनीति
में
अहमद
पटेल
काफी
कामयाब
रहे।
हालांकि,
उन्होंने
इससे
परिवार
को
काफी
दूर
रखा।
अहमद
पटेल
की
1976
में
मेमुना
अहमद
से
शादी
हुई
थी।
उनके
बेटे
फैजल
पटेल
बिजनेसमैन
हैं
और
उनका
राजनीति
से
दूर-दूर
तक
का
रिश्ता
नहीं
हैं।
वहीं,
बेटी
मुमताज
की
शादी
भी
वकील
इरफान
सिद्दिकी
से
हुई
है।