CBSE के बाद गुजरात बोर्ड भी कम करेगा 9वीं से 12वीं तक का सिलेबस, किस पर होगा ज्यादा असर?
गांधीनगर। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा कक्षा 9 से 12 तक 30 प्रतिशत तक सिलेबस 30% घटाने की घोषणा के बाद अब गुजरात बोर्ड ने भी ऐसा ही फैसला लिया है। गुजरात के शिक्षा मंत्री भूपेंद्र सिंह चुडासमा ने कहा है कि, गुजरात बोर्ड भी 9वीं से 12वीं तक का सिलेबस कम करेगा। इससे 36 लाख विद्यार्थियों को फायदा होगा। चुडासमा बोले कि, संशोधित पाठ्यक्रम पर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा।
गुजरात बोर्ड भी कम करेगा सिलेबस
राज्य के शिक्षामंत्री ने कहा, "गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GHSHEB) को इन कक्षाओं के सिलेबस को कम करने के लिए काम करने के निर्देश दिए गए हैं। अब विषय विशेषज्ञों से इस बार में सुझाव मांगे जाएंगे, जिसके बाद तय किया जाएगा सिलेबस में क्या रहेगा और क्या नहीं। संशोधित पाठ्यक्रम पर विचार-विमर्श करने का निर्णय जल्द ही लिया जाएगा।''
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सबसे ज्यादा असर इन दो कक्षाओं पर होगा
सरकार के इस निर्णय का सबसे ज्यादा असर कक्षा-10 और 12 के विद्यार्थियों पर पड़ेगा। अभी क्योंकि, कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए पूरे देश में स्कूल बंद हैं, तो विद्यार्थी भी अपनी पढ़ाई को लेकर खासे चिंतित हैं। सरकार ने इसीलिए, तय किया है कि इस बार बच्चों से भार कुछ कम किया जाए।
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सीबीएसई ने की सिलेबस में की 30% की कटौती
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने सिलेबस में कटौती करते हुए जीएसटी, राष्ट्रवाद, धर्मनिरपेक्षता और नोटबंदी जैसे अध्याय हटा दिए हैं। इन्हें मौजूदा शैक्षणिक सत्र के लिए पाठ्यक्रम से हटा लिया गया है। इसके लिए एनसीईआरटी और सीबीएसई की कमेटी ने 1500 विशेषज्ञों की राय से पाठ्यक्रम में कटौती की तैयारी की थी। इस बारे में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने कहा, "कोरोना के कारण उत्पन्न हुए मौजूदा हालात को देखते हुए सीबीएसई के सिलेबस में कक्षा 9 से 12 तक 30 प्रतिशत कटौती करने का निर्णय लिया गया है। सीबीएसई के सिलेबस में यह कटौती के केवल इसी वर्ष 2020-21 के लिए मान्य होगी।"
छात्रों को अब यह नहीं पढ़ना पड़ेगा
अब 12वीं कक्षा के छात्रों को भारत के अपने पड़ोसियों- पाकिस्तान, म्यामांर, बांग्लादेश, श्रीलंका और नेपाल के साथ संबंध, भारत के आर्थिक विकास की बदलती प्रकृति, भारत में सामाजिक आंदोलन और नोटबंदी सहित अन्य विषय पर पाठों को नहीं पढ़ना होगा।